कोटा: (MBA Passed Rose Cultivator Boy) आप सभी ने MBA चाय वाला तो सुना ही होगा। लेकिन हम आपको बताने जा रहे है, MBA पुष्प वाले किसान की कहानी, जी है जोकि अपना सालाना पैकेज 17 लाख छोड़कर गुलाब की खेती कर रहा है। दरअसल कोटा शहर के कपिल जैन ने पुणे से MBA की पढ़ाई की। कपिल जैन ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मुंबई में एशियन पेंट्स जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में 10 साल मार्केटिंग मैनेजर का काम किया।
जिसमें कपिल का सालाना पैकेज 17 लाख था। लेकिन मुंबई जैसे शहर की चकाचौंद भरी जिंदगी को छोड़कर 5 साल पहले अपने घर लौट आए थे। अपने घर लौटने के बाद उन्होंने गुलाब जल के प्रोडक्शन और गुलाब की खेती में हाथ आजमाया। इसमें अब उनका सालाना टर्नओवर 15 लाख रुपए है।
कोटा के महावीर नगर इलाके में रहने वाले किसान कपिल जैन जोकि 38 साल के है, उन्होने बताया कि उनके पिता कोटा शहर से लगते बनियानी गांव में परंपरागत खेती करते हैं। उन्होने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की। गांव से दसवीं क्लास पास करने के बाद वर्ष 2000 में कोटा चले गए। वहां से 12वीं पास की और 2002 में जयपुर चले गए। जयपुर से उन्होने कॉमर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। 2006 में उन्होने पुणे (महाराष्ट्र) से एमबीए की।
इसके बाद 2018 में मुंबई की नौकरी छोड़कर कपिल कोटा आ गए। कोटा शहर से बनियानी गांव 35 किलोमीटर है। कपिल ने कहा कि पैतृक गांव बनियानी में 40 बीघा की खेती थी। पिता परंपरागत खेती कर रही रहे थे। कोटा लौटकर मैंने खेती करने का फैसला किया। मैं रोजाना घर से निकलकर खेत में आता और कुछ नया करने का प्लान सोचता। 2018 में ही इंदौर रहने वाले दूर की रिश्तेदारी में चाचा डीसी जैन (रिटायर्ड सीनियर साइंटिस्ट) ने मुझे मोटिवेट किया।
उन्होंने मुझे अलग हटकर खुद का काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि खुद का बिजनेस किसी भी नौकरी से बहुत बेहतर है। मैं खेती करना चाहता था। चाचा ने कहा कि खेती में फसल खराबे की आशंका रहती है। कुछ ऐसा करो जिसमें फसल खराबा ज्यादा न हो और बिजनेस भी सेट हो सके। चाचा से चर्चा के दौरान रोज वाटर (गुलाब जल) यूनिट लगाने की योजना बनी।
उसके बाद करीब 4-5 महीने मैंने रोज वाटर प्लांट के बारे में जानकारी जुटाई। फिर दिसंबर 2018 में कोटा में ही एक फैक्ट्री किराए पर ली जहां मैंने रोज वाटर का प्लांट लगाया। इसके लिए मैं किसानों से गुलाब की खरीदारी करता और गुलाब जल तैयार करता। लेकिन कभी-कभी शादी के सीजन में गुलाब का रेट बहुत हाई चला जाता था तब मुझे परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसलिए मैंने अपने गांव बनियानी में खुद की 3 बीघा जमीन पर नवंबर 2019 में गुलाब के पौधे लगाकर खेती करनी शुरू कर दी।
कोटा शहर से मैंने रोज वाटर प्लांट भी अपने ही खेत में शिफ्ट कर दिया। अब 4 साल से लगातार गुलाब की खेती कर रहा हूं और खेत में लगे प्लांट में ही गुलाब जल तैयार कर रहा हूं। सालाना टर्नओवर 15 लाख रुपए तक पहुंच गया है। यहां का रोज वाटर राजस्थान के बाहर सप्लाई हो रहा है। गुलाब की खेती शुरू करने के कुछ समय बाद ही कोरोना आ गया। यह काम करीब डेढ़ साल बंद रहा।