(जयपुर): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ विद्युत कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अर्धनग्न होकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने जो वादा किया था, उसको वह पूरा करती नहीं दिख रही।
राजस्थान विद्युत विभाग के इन कर्मचारियों की 10 अलग-अलग मांगें भी हैं, जिसको लेकर पहले उन्होंने रैली निकाली फिर बाद में प्रदर्शन किया और इसके दौरान उन्होने अर्धनग्न होकर धरना भी दिया।
राजस्थान पावर टेक्निकल एम्प्लॉइज एसोसिएशन के अध्यक्ष पी गुर्जर ने कहा, कि”हमारी पुरानी पेंशन योजना के कार्यान्वयन सहित 10 मांगें हैं, जिसका वादा सीएम गहलोत ने किया था। लेकिन अभी तक वो पूरा नहीं हुआ। उससे नाराज कर्मचारियों ने ये विरोध किया है.”
विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार यानि 18 अक्टूबर को जयपुर के विद्युत भवन का घेराव भी किया गया। यह पूरा विरोध प्रदर्शन विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की तादाद में कर्मचारी अलग दिख रहे हैं। उन्होंने हाथों में तख्ती ले रखी है और उसमें लिखा है कि हमारी पुरानी पेंशन लागू करो तो वहीं एक तख्ती पर लिखा है कि निजीकरण बंद करो, एक तख्ती पर लिखा है ऊर्जा विभाग गठन किया जाए तो एक ओर तख्ती पर लिखा है कि इंटरलिंकिंग ऑफ डिस्कॉम शामिल किया जाएं है।
डिस्कॉम विभाग के जगदीश दाधीच का कहना है कि सीएम गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम से विद्युत को बाहर कर दिया है। यह सभी सरकारी विभागों में लागू किया गया है तो फिर विद्युत विभाग में यह नियम लागू क्यों नहीं किया गया है।
राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष सतवीर यादव ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने अन्य विभागों में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है, लेकिन बिजली विभागों में अभी तक ओपीएस को लागू नहीं किया गया है। राज्य सरकार का हमारे प्रति ये दोहरा रवैया है, इसलिए विद्युत कर्मचारियों में गुस्सा है।