इंडिया न्यूज़, Ajmer News: दरगाह के बाहर निजाम गेट पर 17 जून को मौन जलूस हुए था। इस दौरान कुछ लोगों ने दरगाह के गेट पर हिंसा भड़काऊ जैसे नारे देने शुरू कर दिए और मौका देखकर फरार हो गए। कुछ दिनों से फरार चल रहे आरोपी गौहर चिश्ती को पुलिस ने रात करीब 2 बजे गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार उसे अब अजमेर के क्रिश्चयनगंज थाने में रखा है। पुलिस ने उसके साथी की लोकेशन को ट्रैक करके आरोपी तक पहुंच बनाकर आरोपी को दबोच लिया गया। आरोपी गौहर चिश्ती अपने दोस्त के पास हैदराबाद में छिपा हुआ था। पुलिस ने पहले ही वीडियो के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने एक रिपोर्ट में बताया कि 17 जून को करीब 3 बजे वह निजाम के गेट 3 पर ड्यूटी कर रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों जुलूस की शर्तो का उल्लंघन किया और भाषण देना शुरू कर दिए। इसी के चलते एक रिक्शा पर लाउड स्पीकर भी लगाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार उस समय करीब 3000 लोगों की भीड़ उस स्थान पर थी। जानकारी के अनुसार चिश्ती को समझाया भी गया लेकिन फिर भी भड़काऊ नारे लगाए गए। ऐसे में पुलिस ने भीड़ को भड़काने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया।
जैसे की पहले भी बताया गया है कि पुलिस ने वीडियो के आधार पर पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस मुख्य आरोपी की जांच में जुटी थी। पुलिस ने छानबीन कर मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही चिश्ती को इतने दिन छुपकर रखने वाला आरोपी मोहम्मद अहसानुल्लाह को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
जानकारी के अनुसार पता चला है कि गौहर चिश्ती की जान पहचान कन्हैया के हत्यारों रियाज और गौस से थी। जांच में खुलास हुआ है कि इन तीनों लोगों की कन्हैया कांड से पहले भी बातचीत होती थी। कन्हैया की हत्या से करीब 10 दिन पहले ही इनकी मुलाकात हुई थी।
सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपी हत्या के बाद अजमेर आने वाले थे। दोनों ने गौहर चिस्ती से मुलाकात करनी थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही पकड़ लिया। पुलिस पहले ही कन्हैया के हत्यारों के अजमेर में सम्पर्क के लोगों की जांच में जुटी थी।
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