(जयपुर): पाकिस्तानी विस्थापितों के पचास लोगों का एक जत्था जोधपुर पहुंचा है। धार्मिक वीजा लेकर हरिद्वार जाने के नाम पर ये लोग भारत पहुंचे। लेकिन वहां जाने के बजाय ट्रेन में बैठ सीधे जोधपुर आ गए।
जोधपुर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा एजेंसियों ने सभी से करीब दो घंटे तक पूछताछ की और उनके रिश्तेदारों के यहां रहने को रवाना कर दिया। इन लोगों को पाबंद किया गया है कि वे अपनी आमद को दर्शा दें। डेढ़ महीने पहले भी कुछ पाक विस्थापित जोधपुर पहुंचे थे।
पाकिस्तान से पचास लोगों का एक जत्था रविवार रात जम्मूतवी एक्सप्रेस के जरिए जोधपुर पहुंचा। एक साथ बड़ी संख्या में पाक विस्थापितों के पहुंचने की सूचना मिलते ही सीआईडी की एक टीम रेलवे स्टेशन पहुंच गई। इस टीम ने सभी को एक तरफ बैठा कर करीब दो घंटे तक पूछताछ की। इस पूछताछ में सामने आया कि ये लोग पाकिस्तान से धार्मिक वीजा के आधार पर वाघा बॉर्डर से अटारी पहुंचे।
अटारी से हरिद्वार जाने के बजाय ये लोग सीधे जोधपुर आ गए। जोधपुर पहुंचने के पीछे इनका तर्क है कि ये लोग यहां पर रहने के लिए आए है। सिर्फ धार्मिक वीजा के नाम पर ही आने की अनुमति मिलती है। ऐसे में इस अनुमति के आधार पर भारत में प्रवेश कर ये लोग जोधपुर आ गए।
पाकिस्तान में बरसों से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले पाक हिन्दू भारत आना चाहते हैं। लेकिन वीजा मिलना इतना आसान नहीं होता। ऐसे में इन लोगों के सामने भारत आने के लिए एकमात्र विकल्प धार्मिक वीजा हासिल करना ही रहता है। धार्मिक वीजा आसानी से मिल जाता है। इस वीजा के आधार पर भारत में प्रवेश करने के बाद हरिद्वार के अलावा अन्य किसी भी शहर में जाने के लिए एडिशनल वीजा लेना पड़ता है।
एडिशनल वीजा मिलने के बाद ही ये लोग उसमें दी गई अनुमति के आधार पर अन्य स्थान पर जा सकते है। इसके बाद ही इन लोगों को लॉग टर्म भारत में रहने का वीजा मिलता है, जिसके आधार पर बाद में तय शर्ते पूरी कर ये लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एडिशनल वीजा हासिल करने में लगने वाले समय के कारण ये लोग नियम तोड़ सीधे जोधपुर पहुंच गए। जोधपुर में इन लोगों को पाबंद अवश्य किया गया है कि वे आवेदन कर दें। अब ये लोग अपनी आमद को दर्शाने के बाद अपने रिश्तेदारों के यहां डेरा जमाकर बैठे हैं।
बताया जा रहा है कि 36 पासपोर्ट धारकों का एक रिश्तेदार देचू के समीप एक खेत में काम करता है। ये सभी लोग उसके पास गए हैं। अन्य 14 पासपोर्ट धारक जोधपुर में अपने एक रिश्तेदार के पास ठहरे हैं।