जयपुर: (Policy for the welfare of women with disabilities) राज्य में महिला नीति की तरह ही अब दिव्यांग महिलाओं के कल्याण को लेकर अलग से नीति बनाने की मांग उठने लगी है। ऐसे में अब दिव्यांग महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य रही सामर्थयम संस्था राज्य सरकार के सहयोग से नीति का मसौदा तैयार कर रही है। मंगलवार यानी 21 मार्च को संस्था की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मसौदे पर चर्चा और सुझाव लेने के लिए आपणों संस्था से जुड़ी विकलांग महिलाओं, विशेष योग्यजन निदेशालय, महिला अधिकारिता विभाग के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
रोजगार के भी उतने अवसर नहीं हैं-संस्था निदेशक
संस्था की कार्यकारी निदेशक अंजली अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा महिला नीति दिव्यांग महिलाओं के लिए ज्यादा कल्याणकारी नहीं है। स्थिति ऐसी है कि एकल दिव्यांग महिला को सरकार की आवास योजना का लाभ तक नहीं मिलता। रोजगार के भी उतने अवसर नहीं हैं जितने पुरुषों के लिए हैं। कार्यशाला में मसौदे पर चर्चा की गई और इसे अब आगे सरकार के पास भेजा जाएगा। यह सरकार के ऊपर निर्भर करेगा कि सरकार अलग से दिव्यांग महिलाओं के लिए नीति घोषित करे या मौजूदा महिला नीति में शामिल करे।
नीति में ये सुझाव किए शामिल
- सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले
- बीमा पॉलिसी की सुविधा हो
- रोजगार के अवसर मिलें
- आपदाओं में सुरक्षा मिले
- न्याय तक पहुंच की सुविधाएं
- वित्तीय आत्मनिर्भरता
- दिव्यांग महिलाओं का डेटा तैयार हो
- पेंशन के लिए एक वर्ष तक चक्कर, फिर बताया खाता ब्लॉक