Thursday, July 4, 2024
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सीएम गहलोत के सलाहकार एवं निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने जातिवाद पर उठाए सवाल

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जयपुर: (tough questions on casteism) सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार एवं निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा (MLA Sanyam Lodha) ने जातिवाद पर कड़े सवाल उठाए है। लोढ़ा ने सोमवार यानी 20 मार्च को राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा की ओर से आयोजित सेमिनार में बड़ा बयान दिया।

संयम लोढ़ा ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष और संविधान की शपथ लेने वाले मंत्री जातीय सम्मेलनों में जाकर जाति (Caste) को बढ़ावा देने की बात करते हैं। वे यहां तक कहते हैं कि पार्टी से भी बढ़कर उनके लिए जाति है। यह कहना लोकतंत्र को कमजोर करना है। लोढ़ा ‘प्रभावी एवं सार्थक लोकतंत्र को बढ़ावा देने में विधानमंडल की भूमिका’ विषय पर आयोजित सेमिनार में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे।

जाति को बढ़ावा देने की बात करते हैं

सेमिनार में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्पीकर सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का भी संबोधन हुआ। यहां विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि राजधानी में गत दिनों में कई जातीय सम्मेलन हुए। राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष और संविधान की शपथ लेने वाले मंत्री जब उन सम्मेलन में जाते हैं तो वहां जाति की बात करते हैं। जाति को बढ़ावा देने की बात करते हैं।

वे यहां तक कहते हैं पार्टी से भी बढ़कर उनके लिए जाति है तो यह लोकतंत्र को कमजोर करने वाली बात है। लोढ़ा ने कहा कि यहां मुख्यमंत्री बैठे हुए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बैठे हुए है। मैं उनसे विनती करना चाहूंगा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने लोगों पर कठोरता से नियंत्रण करना चाहिए। हमारा लक्ष्य जातिविहीन समाज के सपना का है। संविधान की शपथ लेने वाले लोग ही इस तरह की बात करते हैं तो उससे प्रजातंत्र कमजोर होता है।

जयपुर में जाट महाकुंभ और ब्राह्मण महापंचायत का आयोजन

बता दें कि राजधानी में पिछले दिनों जयपुर में जाट महाकुंभ और रविवार को ब्राह्मण महापंचायत का आयोजन हुआ था। इनमें कई मंत्रियों और राजनेताओं ने शिरकत की थी। इस दौरान असम के राज्यपाल का पद ग्रहण करने के बाद पहली बार जयपुर आए गुलाबचंद कटारिया का विधानसभा में अभिनंदन समारोह भी आयोजित किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज मैं राजनीतिक भाषण दूंगा तो ठीक नहीं होगा।

गहलोत ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। इससे पहले बोलते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि आज आज संसद में विपक्ष की आवाज को म्यूट किया जा रहा है। इससे लोकतंत्र आगे जाकर खतरे में पड़ेगा। हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान का हू-ब-हू और ईमानदारी से पालन करें।

सदन जिद्द करने का स्थान नहीं है

सेमिनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हाउस जितना चलेगा उतना ही लोकतंत्र मजबूत होगा। कटारिया ने कहा कि सदन जिद्द करने का स्थान नहीं है। यह तो समाधान का स्थान है। यहां हम किसी मुद्दे पर सहमत नहीं हो। लेकिन मन में एक दूसरे के प्रति द्वेष भावना पैदा करेंगे तो लोकतंत्र कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि आज के सदस्यों को पढ़ने और पढ़ाने की आदत कम हो गई है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।

 

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