इंडिया न्यूज़, जयपुर:
Temple of Lord Shri Ram in Khetri : भारतीय आस्था के सर्वोच्च प्रतीक भगवान श्री राम के यूं तो भारत ही नहीं पूरे विश्व में बहुत हजारों मंदिर हैं हमारे जनमानस के यह आराध्य देव है। खेतड़ी के मध्य स्थित भगवान श्रीराम का यह मंदिर(Temple of Lord Shri Ram in Khetri) एक विशालकाय महल है। इसमें विराजमान भगवान श्री राम की एक अलग ही खासियत है इसमें भगवान श्री राम के मूछें हैं जो कि इस मंदिर नुमा महल को सब मंदिरों से एक अलग स्थान प्रदान करती है।
इस मंदिर की भव्यता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है। कि इसमें एक कुआं, एक बड़ी रसोई, घोड़ों के बांधने की घुड़साल एवं भजन कीर्तन करने के लिए बड़े विशालकाय होल हैं।
खेतड़ी राजवंश के पांचवे राजा श्री बख्तावर सिंह जी जिनका शासनकाल 1826 से 1829 तक रहा। उन्होंने अपनी धर्म पत्नी रानी चुंडावत जी के कहने पर इस मंदिर का महल की तरह निर्माण कराया रानी चुंडावत जी सलूंबर के राजा रावत सरदार सिंह जी की बेटी थी। और और सती होने से पहले तक वह है इसी महल हनुमान मंदिर में रही थी। इस मंदिर से एक गुप्त रास्ता खेतड़ी के ऐतिहासिक पन्ना सागर तालाब पर भी जाता है। (Temple of Lord Shri Ram in Khetri)
यह मंदिर जो कि अब देवस्थान विभाग के अंतर्गत आता है को खेतड़ी में बड़े मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। रामनवमी पर जहां पूरे भारत में श्री राम मंदिरों के लिए सरकारों द्वारा एक स्पेशल इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके बावजूद देवस्थान विभाग के अंतर्गत आने के बाद और एक विशिष्ट महत्व रखने के बावजूद यह मंदिर राम नवमी के अवसर पर भी सरकारी उपेक्षा का शिकार ही दिखाई दे रहा है। देवस्थान विभाग द्वारा रामनवमी पर यहां पर कोई भी स्पेशल कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है।
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