इंडिया न्यूज़, Jaipur News: राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थकों के खुल के बयान सामने आने लगे हैं। वहीं 7 सितम्बर से पहले यानि पायलट के जन्मदिन से एक दिन पहले जयपुर में उनके समर्थक बड़ी संख्या में जुटकर सकती प्रदर्शन कर सकते हैं। यह समर्थकों से मिलने का यह कार्यक्रम उनके जन्मदिन से एक दिन पहले यानि 6 सितंबर को रखा गया है।
6 सितम्बर को यह कार्यक्रम रखे जाने की वजह 7 सितंबर से शुरू होने वाली कोंग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा है। पायलट उसमें शामिल होने कन्याकुमारी जाएंगे। इसलिए कार्येक्रम को एक दिन पहले रखा गया है। वहीं इस बार इस भीड़ के सियासी मायने भी हैं। इससे पहले पिछले साल कोरोना के कारण पायलट ने अपने समर्थकों से सिविल लाइंस बंगले के बाहर मुलाकात की थी। वहीं इस बार बड़ी संख्या में लोग जुट सकते है।
वहीं इसी महीने 22 सितंबर से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही प्रोसेस शुरू जाएगा। यह भी बाते सामने आती रही हैं कि गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए चेहरा हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इसको लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर कौन चेहरा आता है। लेकिन इसे लेकर राजस्थान कांग्रेस में भी सियासत गर्माई हुई है।
वहीं जबसे कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हुई है। उसी समय से पायलट गुट ने उन्हें सीएम बनाने की आवाज उठाना शुरू कर दिया है। हालांकि पायलट ने कहा कि हम हाईकमान के निर्देशों का पालन करेंगे और हर किसी को निर्देश को मानना होगा। वहीं इससे पहले वेद प्रकाश सोलंकी ने सचिन पायलट का समर्थन करते हुए कहा कि मैं किसी पार्टी के साथ नहीं, पायलट के साथ हूं।
उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज को अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होने यह वीरगुर्जर छात्रावास पर स्वागत कार्यक्रम में कहा। उन्होंने कहा कि किसी से सच नहीं छुपाते जो होता है उसे कह देते हैं। उन्होंने गुर्जर समाज से सचिन पायलट के पक्ष में एकजुटता रखने की अपील की।
कांग्रेस विधायक और राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट का समर्थन किया है। खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि मौजूदा स्थिति में सचिन पायलट को सीएम बनाने में क्या समस्या है? युवा उनके साथ हैं। हमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, व्हाट्सएप, ट्विटर और फेसबुक पर सामूहिक भावना के अनुसार काम करना चाहिए। अगर हम उनकी बात सुनेंगे तो अच्छा रहेगा।
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