इंडिया न्यूज, बाड़मेर:
Statement On Maharana Pratap: राजपूत संगठनों ने डोटासरा के महाराणा प्रताप पर दिए विवादित बयान पर विरोध प्रदर्शन करते हुए काले झंडे दिखाए। इस विरोध राजपूत संगठनों के अलावा रीट अभ्यर्थियों के साथ भाजयुमों के कार्यकर्ता भी शामिल थे। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा कांग्रेस कार्यकताओं के प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंचे थे। जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। (Statement On Maharana Pratap) गौरतलब है कि हाल ही में डोटासरा ने महाराणा प्रताप एवं रीट परीक्षा को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इस विवादित बयान के बाद से वे अपने विरोधियों के निशाने पर चल रहे है।
Rajput Organizations Opposed Dotasara
गोविन्द डोटासरा का काफिला जैसे ही बाड़मेर पहुंचा, पचपदरा कर के पास विभिन्न राजपूत संगठनों के युवाओं ने डोटासरा मुदार्बाद के नारे लगाते हुए उनके काफिले को काला झंडा दिखाया। हालांकि, पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से खदेड़ दिया।
नागौर में पार्टी कार्यकतार्ओं की बैठक में गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया था कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच लड़ाई सत्ता के लिए थी, लेकिन भाजपा ने इसे धार्मिक रंग दे दिया। भाजपा हर चीज को धार्मिक नजरिए से देखती है। उनके इस बयान के बाद से ही डोटासरा विरोधियों का सामना कर रहे है।
Rajput Organizations Opposed Dotasara
बाड़मेर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डोटासरा ने बताया कि उन्होंने महाराणा प्रताप के लिए कोई आपत्तिजनक कोई बात नहीं कही थी। उन्होंने बताया कि मैंने कभी महाराणा प्रताप की वीरता, उनके स्वाभिमान पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया, मैंने तो बस यही कहा जो किताबों में गलत पढ़ाया जा रहा है, उस पर टिप्पणी की थी।
डोटासरा के इस बयान के बाद विरोध में उतरी भाजपा ने महाराणा प्रताप के संघर्ष को स्वाभिमान की लड़ाई बताया। हालांकि भाजपा के विरोध के बाद डोटासरा ने कहा कि उन्होंने महाराणा प्रताप पर कोई अपमानजनक बयान नहीं दिया है। बेवजह से मुद्दा बनाया जा रहा है। (Controversial Statement On Maharana Pratap)
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