India News (इंडिया न्यूज), Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर के रणथम्भौर दुर्ग स्थित भगवान त्रिनेत्र गणेश का तीन दिवसीय लक्खी मेंला आज गणेश चतुर्थी पर पुरे परवान रहा। जिसके चलते रणथम्भौर में मिनी कुभं सा नजारा दिखाई दिया । लाखों की संख्या में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश के दरबार में पहुचकर हाजरी लगाई और अपनी व अपने परिवार की कुशल क्षेम की कामना की । मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन एंव पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किये गये है। हर साल भादव मास की गणेश चतुर्थी पर रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश मेंले का आयोजन होता है । जिसमें स्थानिय लोगों के साथ ही देश के विभिन्न क्षैत्रों से लाखों की तादात में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने आते है और अपनी मनोकामना पुर्ण करते है।
रणथंभौर की हरी भरी वादियां भगवान त्रिनेत्र गणेश के जयकारों से लगातार गूंज उठी । क्या बूढा, क्या जवान, क्या स्त्री क्या पुरुष, हर किसी के मन में एक ही हसरत रही त्रिनेत्र गणेश के दर्शनों की। जिधर देखो उधर ही मेले में श्रद्धालुओ की भारी भीड़ नजर आई । रणथंभौर में श्रद्धा का ज्वार ऐसा उमड कि पुलिस कर्मियों को भी व्यवस्थाएं माकूल बनाए रखने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। रणथंभौर सर्किल से लेकर रणथंभौर दुर्ग की दुर्गम चढ़ाई तक 14 किलोमीटर का सफर श्रद्धालुने पैदल तय कर तय किया। लेकिन भगवान गणेश की अटूट आस्था के चलते मार्ग की सभी परेशानियां बौनी साबित होकर रह गई है। आज गणेश चतुर्थी का पावन पर्व होने के कारण रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में भगवान गणेश के जन्मोत्सव की अद्भुत झांकी सजाई गई । त्रिनेत्र गणेश का स्वर्ण आभूषणों से मनमोहक श्रृंगार किया गया ।इस अवसर पर भगवान गणेश को 11 किलो चांदी व 250 ग्राम सोने के नए आभूषण चढ़ाए गये और लड्डुओं का भोग लगाया गया।जन्मोत्सव की महा आरती करने के पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
कहा जाता है की पुरे विष्व में रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र भगवान गणेश की प्रतिमा एक मात्र ऐसी प्रतिमा है । जिस पर भगवान गणेश के तीन नेत्र है । यह प्रतिमा अनायास ही लोगों को अपनी और खिंच लेती है । इसी के चलते यह स्थान लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है । यहा के लोगों का ऐसा भी मानना है की किसी भी कार्य को करने से पुर्व भगवान गणेश को ढोकना आवयक है । जिससे कार्य अपने आप र्निविघ्न सफल होता चला जाता है और यही कारण है की यहा आने वाले लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन कर अपनी मनोकामना पुर्ति की कांमना करते है । रणथम्भोर दुर्ग स्थित गणेश मंदिर में भगवाने गणेश रिद्धी सिद्धी के साथ विराजमान है । आस पास के क्षैत्रों सहित दुर दराज से बडी संख्या में श्रृद्धालुओं का आना जारी है। सवाई माधोपुर से लेकर रणथम्भौर दुर्ग स्थित गणेश मंदिर तक श्रृद्धालुओं का तॉता लगा हुआ है । मेले में आने वाले श्रद्धालुओं में बच्चों से लेकर बुर्जुग तक सभी तरह के लोग शामिल है और बडे ही उत्साह के साथ नाचते गाते गणपती बाबा मोरिया के जयकारे लगाते हुवे आगे बड रहे है गणेश भक्तों का उत्साह देखने काबिल है । दुरदराज से आने वाले श्रृद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने के बाद ही थोडा आराम कर के लोट रहे है।
त्रिनेत्र गणेश मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानियां नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। मेले में लगभग 800 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बंदोबस्त अमल में लाए गए हैं ।जगह-जगह बेरी कटिंग की गई है। दुर्ग में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए आने जाने के रास्ते अलग-अलग किए गए हैं। रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश लक्खी मेले में लगभग 100 भंडारे लगाए गए हैं। जहां श्रद्धालुओं को बड़ी ही मान मनुहार के साथ प्रसादी वितरित की जा रही है। आज का मुख्य मेला होने के चलते लगभग 7 से 8 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर में ढोक लगाई। रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर से श्रद्धालुओं की अटूट आस्था जुड़ी हुई है।
त्रिनेत्र गणेश मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोडवेज की 40 बसें लगाई गई है आसपास के अन्य जिलों से भी पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जगह-जगह वाटर पॉइंट पर गोताखोर नियुक्त किए गए हैं ।असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला लगातार जारी है। कल शाम को मेले का विधिवत रूप से समापन होगा।
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