India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Politics: राजस्थान के नागौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नागौर के भाजपा विधायक मोहनराम चौधरी की तरफ से पहलवानों के आंदोलन पर दिए गए बयान पर बवाल मच गया। पहलवानों को विधायक मोहन राम चौधरी ने बदनाम करने वाला टूलकिट बताया था।
विधायक मोहन राम ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ और सिर्फ पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि जो आरोप आज पहलवान लगा रहे हैं वे जांच अधिकारियों को ही नहीं बता पा रहे हैं कि उनका शोषण कब और कहां हुआ है। शोषण होने की अलग-अलग जगह पहलवान बताते रहे हैं।
नागौर में बलदेव मिर्धा धर्मशाला में जाट समाज ने विधायक चौधरी के बयान को लेकर एक बैठक की। 28 फरवरी तक विधायक से बैठक में माफी मांगने की बात कही गई। बैठक में कहा गया कि अगर विधायक चौधरी ने माफी नहीं मांगी तो जाट समाज एक बड़ा आंदोलन करेगा। वही विधायक मुहर्रम चौधरी ने कहा कि मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मकसद नहीं था। मेरे बयान को गलत तरीके से लिया गया है।
विधायक मोहन राम चौधरी द्वारा दिए गए बयान को जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। अध्यक्ष मील ने कहा कि देश के राजनेताओं को क्या हो गया है। यह किस तरफ जा रहे हैं? शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को भी गलत करार देने में लगे हैं। राजनीति का यह सबसे नीचे स्तर है।
इस तरीके के दिए गए बयान का हम विरोध करते हैं। दरअसल बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के अजमेर दौरे को लेकर नागौर में बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी हुई थी। जिसमें नागौर विधायक मोहनराम चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर जवाब दिए। विधायक चौधरी ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को लेकर जमकर निशाना साधा। जिसके बाद पहलवानों के मुद्दों पर बयान देकर विवादों में फंस गए।
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