India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Election Polling: अपने नेता को चुनने के लिए वोट करते समय ऐसा कई बार होता है की जब आप वोट करने के लिए केंद्र में जाते है तो आपको पता चलता है कि कोई और पहले ही आपके नाम पर वोट डाल कर जा चुका है। ऐसे हालात में कुछ लोग नाराजगी जता वापस लौट जाते है। वहीं कुछ अपने वोटिंग राइट के लिए लड़ते है। परंतु दोनों ही स्थितियों में प्रयाप्त जानकतारी न होने के कारण उन्हें वोट डालने को नहीं मिलता।
धारा 49 (पी) वास्तविक वोटर को अधिकार को यूज़ करने की प्रमीशन देती है। वोटिंग के समय वोट डल जाने के बाद भी वास्तविक वोटर जाकर वोट की अपील कर सकता है। जिस भी व्यक्ति को इस धारा 49 (पी) का उपयोग करना है, वह सबसे पहले अपने वोटर आईडी पीठासीन अधिकारी को दिखाकर है। अधिकारी मिलान करते हैं जिसमें अपील करने वाला वोटर सही पाया जाता है तो पीठासीन अधिकारी ऐसे वोटर का निविदत मत डलवाता है। वोटर फार्म 17 (बी) पर भी हस्ताक्षर कर जमा करता है। पीठासीन अधिकारी छपे हुए बैलेट जारी करने होंगे। जिस पर वोटर सील के जरिए चिन्ह लगाकर वाट डालेगा। उसके वोट को वहां मौजूद लिफाफे में पैक करवाया जाएगा।
उसके वोटी की अलग से इंट्री भी करना होगी, ताकि संख्यात्मक त्रुटि से बचा जा सके। चैलेंज वोट इसी तरह यदि कोई वोटर वोटिंग करने आता है, लेकिन उम्मीदवार का कोई एजेंट उसको फर्जी करार देते हुए आपत्ति लेता है, वोट को चैलेंज करता है तो एजेंट से दो रुपये पीठासीन पर जमा कराएंगे व रसीद देंगे। इसी के साथ वोटर को सही साबित करने के लिए 12 दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा जाएगा। यदि वह वोटर फर्जी पाया जाता है, किसी और के नाम का वोट डालने आया है तो उसको वोट डालने से रोका जाएगा, उसे लौटा दिया जाएगा और आपत्तिकर्ता एजेंट को दो रुपये वापस दिए जाते हैं। लेकिन एजेंट की आपत्ति गलत है और वोटर सही है तो एजेंट के दो रुपये राजसात होंगे व वोटर को वोट डालने दिया जाता है।
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