India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस द्वारा सरकार रिपीट करने का सपना देखा गया था। परंतु उनके इस सपने को भाजपा द्वारा चकनाचूर कर दिया गया। पिछले 1 साल में कांग्रेस ने ऐसी कई योजनाएं जारी थी जिससे आमजन को सीधा फायदा मिले। साथ ही प्रदेश की जनता को साथ गारंटीयों का वादा भी किया। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार अपने आप को रिपीट करने में असफल रही। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कांग्रेस को गिरने के लिए विशेष रणनीति तैयार की गई। नितिन पटेल और कुलदीप बिश्नोई को सहज चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया था। नवनीत प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तथा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नारायण पंचारिया को भी यह अहम जिम्मेदारी दी गई थी। बीजेपी के इन पांचो नेताओं द्वारा पीएम मोदी की रणनीति के हिसाब से काम किया गया। राजस्थान कांग्रेस के दावे यूं ही हवा में रह गए।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले ही भाजपा द्वारा केंद्र मंत्री प्रहलाद वेंकटेश जोशी को राजस्थान का चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया गया था। जोशी द्वारा लगातार जयपुर आकर भाजपा की रणनीति को लेकर वरिष्ठ नेताओं आज मंथन किया गया। कांग्रेस को हर मुद्दे पर गिरने की विशेष कार्य योजना इन्होंने तैयार कर रखी थी। केंद्रीय नजरिया से बनाई गई है रणनीति से चलते हुए लगातार पार्टी के नेताओं को संगठन के पदाधिकारी में तालमेल बनाकर रखा गया। प्रचार के लिए पीएम मोदी सहित तमाम केंद्रीय मंत्रियों के दौरे की मॉनिटरिंग करी गई। पेपर लीक भ्रष्टाचार बढ़ते अपराधों को लेकर लगातार कांग्रेस पर हमला ढाबा गया। अब चुनाव नतीजे सामने आ चुके हैं। कर्नाटक के रहने वाले प्रहलाद जोशी बीजेपी के वरिष्ठ नेता है और लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव सांसद बन चुके हैं।
बीजेपी के दूसरे दिग्गज स्टार गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल है। चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी के निर्देशन में राजस्थान में पूरा कामकाज नितिन पटेल द्वारा संभाल गया था। देखा जाए तो वह फ्रंट में आने की बजाय पहन के पीछे रहकर अपना सारा काम कर रहे थे। पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नितिन भाई पटेल पीएम मोदी के सबसे विश्वास पात्र नेताओं में से एक है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं तथा संगठन के पदाधिकारी को विशेष टास्क देकर उसकी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजते हैं। इनके इन प्रयासों का नतीजा है कि आज राजस्थान में कांग्रेस की गारंटिरयां फेल हो गई है।
हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल बिश्नोई के पुत्र कुलदीप बिश्नोई को भी बीजेपी द्वारा केंद्रीय नेतृत्व में विधानसभा चुनाव मैं विशेष भूमिका दी गई थी। साल 2007 में उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर मोदी की टीम को ज्वाइन किया था। राजस्थान विधानसभा चुनाव के से प्रभारी नितिन भाई पटेल के साथ कुलदीप बिश्नोई को भी एक विशेष टास्क दिया गया था। इनके द्वारा भी अपनी सभी टास्क पूरे कर उसकी रिपोर्ट भेजी जा रही थी। राजस्थान में बीजेपी के पूरे बहुमत से जीतने की रिपोर्ट कुलदीप बिश्नोई द्वारा कुछ दिन पहले ही केंद्रीय नेतृत्व के अंदर भेजी गई थी।
पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व मैं इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का संयोजक बनाया गया था। पूरे प्रदेश में हुए प्रचार प्रसार की रणनीति को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार पंचारिया द्वारा क्रियवंती किया गया था। पीएम मोदी तथा केंद्रीय नेताओं कितना भी रैलियां तथा जनसभाओं से पहले प्रदेश भर में निकाली गई रथ यात्राओं का जुम्मा पंचारिया द्वारा ही संभाल गया था। सितंबर में राजस्थान के चारों कोनों से निकल गई परिवर्तन संकल्प यात्राओं का सीमा भी इन्हीं के हाथों में था।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा द्वारा सतीश पूनिया को हटाकर सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। चित्तौड़गढ़ से लोकसभा सांसद सीपी जोशी को मेवाड़ अंचल से नए चेहरे के रूप में एक नई जिम्मेदारी दी गई थी। प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद जोशी द्वारा प्रदेश भर में दौरा किया गया। पार्टी के अंदरूनी गुट बाजी से ऊपर उठकर जोशी सबको अपने साथ लेकर चले। सभी नेता और कार्यकर्ता पार्टी के सिपाही के रूप में सामने आए। प्रदेश में भाजपा को मिली स्पष्ट बहुमत से जोशी का कद और भी ऊंचा हो गया।
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