India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan: कहते है कि गुस्सा सेहत के लिए हानिकारक होता है। कभी-कभी ज्यादा गुस्सा मौत का कारण भी बन जाता है। जी हां ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर संभाग से आया है। यहां 23 जुलाई को RLP की महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सुमन बेनीवाल का शव उन्ही के घर से बरामत किया गया। हत्या का आरोप सुमन बेनीवाल (35) के पति पर लगा है। यह घटना शुक्रवार की देर रात जोधपुर जिले के माता का थान इलाके की है। इस मामले की जांच एडीसीपी नाजिम अली कर रहे है। उन्होने बताया कि 15 साल पहले दोनों की शादी हुई थी। उनके दो बच्चे है दोनों इस वक्त हॉस्टल में है। गौरतलब है कि करीब 9 महीने से दोनों पति-पत्नी माता का थान इलाके में किराए के मकान में रहे थे। दोनों पति-पत्नि के बीच काफी समय से अनबन चल रही थी। जिसके चलते शुक्रवार, 21 जुलाई की देर रात 10 बजे जब सुमन का पति घर आया, तो पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला। करीब 3 घंटे तक लगातार दरवाजा खटखटाने के बाद रात 1:30 बजे सुमन ने दरवाजा खोला। तो दोनों में बीच जमकर कहासुनी हुई। तब रमेश ने अपना आपा खोते हुए दरवाजे के पास पड़े भारी भरकम पत्थर को उसके सिर पर दे मारा। जिससे सुमन की मौके पर ही मौत हो गई। सुमन की मौत के बाद पति रमेश ने उसके भाई को भी फोन किया।
एडीसीपी नाजिम अली ने आगे ये भी बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि रमेश ने रात 2 बजे साले गोवर्धन राम को फोन कर उसकी बहन की मौत की जानकारी दी और कहा कि मैंने तुम्हारी बहन को मार दिया है। उसे एक झूठी खहानी बताकर गुमराह किया। उसने कहा कि उसकी बहन सुमन रात को 1:30 बजे घर आई थी। मैंने खाना बना कर रखा हुआ था। उसने खाया नहीं। मुझे नजदीक आने से भी रोका। इसलिए मुझे गुस्सा आया और मैंने पत्थर से वार कर दिया। उधर से गोवर्धन राम ने कहा- मुझे क्यों फोन कर रहे हो। आप अपने घर वालों को फोन करो। इसके बाद गोवर्धन राम ने जोधपुर में रह रहे परिवार के अन्य सदस्यों को सूचना दी। गोवर्धन के जरिए मिली सूचना पर जब सुबह रिश्तेदारों और इसका साला सुमन के घर आए तो रमेश ने दरवाजा नहीं खोला। रमेश पत्नी की लाश के पास ही बैठा रहा। सुबह करीब 10 बजे गोवर्धन राम ने पुलिस को बहन की हत्या की रिपोर्ट दी। भाई के जरिए मिली बहन की मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मकान मालिक चैन सिंह से पूचताछ की। तो उसने बताया कि – मुझे मामले की जानकारी मिली तो शनिवार,22 जुलाई की सुबह मैं भी वहां पहुंचा। दरवाजा खटखटाया। रमेश ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद मैं थाने गया और पुलिस को साथ लेकर आया। दोपहर 12 बजे के करीब पुलिस ने दरवाजा खटखटा कर बोला कि रमेश दरवाजा खोलो। बाहर पुलिस है। तब रमेश ने दरवाजा खोला।
बताया जा रहा है कि जोधपुर जिले के नोसर गांव का रहने वाला रमेश बेनीवाल और ओसियां के खावडा निवासी सुमन की शादी 15 साल पहले हुई थी। उस समय वह जोधपुर के भदवासिया इलाके में स्थित एक पेट्रोल पंप पर काम करती थी। रमेश जोधपुर के बासनी इलाके में एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में फर्नीचर का काम करता है। सुमन ने 7 महीने पहले ही उसने आरएलपी जॉइन की थी। बहुत कम वक्त में वह राजनीति में तेजी से आगे बढ़ रही थी। वह आरएलपी से जोधपुर की जिला अध्यक्ष (महिला विंग) थी। दोनों के दो बेटे 12 वर्षीय महावीर व आठ वर्षीय हरिकिशन हैं। दोनों बच्चे कुड़ी इलाके के कृष्णा हॉस्टल में रहकर पढ़ते हैं। सुमन के जन्मदिन पर हनुमान बेनीवाल ने उसके साथ केक काटकर बधाई दी थी। लोकल राजनीति में सुमन एक्टिव थी। वह पहले पुणे में फर्नीचर मैन्यूफैक्चरिंग का काम करता था। पड़ोस में रहने वाले श्रवण राम कहते हैं- पिछले 8 से 9 महीने में कभी भी पति-पत्नी के बीच विवाद नहीं देखा। रमेश का लकड़ियों का काम है। वह बातचीत कम ही करते हैं। 2 से 3 महीने में एक बार वह घर आते है।