इंडिया न्यूज, जयपुर।
Property Of Paper Leakers Will Be Confiscated : राजस्थान सरकार भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक मामले पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सख्त कानून बना रही है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बनने वाले कानून से जुड़ा विधेयक गुरुवार को राज्य विधानसभा में पेश किया गया। अब बहस के बाद यह विधेयक पारित होगा। विधेयक में पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर पांच से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है।
इसके साथ ही कम से कम 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुमार्ना लगाया जाएगा। उच्च शिक्षामंत्री राजेन्द्र यादव ने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक-2022 पेश किया। यह विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद राज्य में सख्त कानून के प्रावधान लागे हो जाएंगे। विधेयक में पेपर लीक और नकल करवाने वालों की संपत्ति जब्त कर नीलाम करने का प्रावधान किया गया है।
स्कूल और कालेज से लेकर सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक गिरोह के खिलाफ इस विधेयक में कड़े नियम बनाए गए हैं। किसी भी परीक्षा में कोई अभ्यर्थी नकल करता है या पेपर लीक करने वाले गिरोह से पर्चा खरीदने का दोषी पाया जाता है, तो उसे तीन साल की सजा भुगतने के साथ ही एक लाख रुपये तक का जुमार्ना भरना होगा।
शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा (रीट) का पेपर लीक मामले की जांच सीबीआइ को देने से उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है। दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने राज्य सरकार को विशेष जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा गठित एसओजी की जांच की प्रगति रिपोर्ट चार सप्ताह में पेश करने को कहा हैं।
इस मामले में भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल अशोक गहलोत सरकार में आयुर्वेद मंत्री सुभाष गर्ग और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। परीक्षा के आयोजक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली को पद से बर्खास्त कर दिया गया है। इस मामले में अब तक 38 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब देखना है कि चार सप्ताह बाद प्रगति रिपोर्ट क्या आता है।
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