India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Politics News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब केलव तीन से चार महीनों का समय बचा है। जिसको लेकर सभी पार्टियां सक्रिय है। इन चुनाव को लेकर सभी पार्टी प्रचार-प्रसार में लगी हुई है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में होड़ लगी है। इस बीच चुनाव से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भीलवाड़ा के गुलाबपुरा में जनसभा की और अब 10 सितंबर को प्रियंका गांधी राजस्थान के टोंक जिले की निवाई विधानसभा में जनसभा करने आ रहीं हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 10 सितंबर से सचिन पायलट के गढ़ यानी टोंक विधानसभा सीट से चुनावी सभा की शुरुआत करेंगी। यह जनसभा साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हैं।
बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस ने अपनी प्रमुख चुनाव कमेटियों की घोषणा कर दी है। चुनाव कमेटियों में गोविंद राम मेघवाल को कैंपेन कमेटी प्रमुख बनाया गया है। तो वहीं, सीपी जोशी को घोषणापत्र कमेटी की जिम्मेदारी दी गई है। इस बीच कांग्रेस कोर कमेटी में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी शामिल हैं। लेकिन अभी राजस्थान में चुनाव प्रचार का एलान नहीं हुआ है। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जोरो-शोरो से जुटा है।
ऐसे में प्रियंका गांधी का यह दौरा दलित कोर वोट बैंक को साधने के प्रयास में लगी है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई कोर कमेटी की पहली बैठक 9 सितंबर को प्रस्तावित हुई। बता दें कि इस कोर कमेटी का कन्वीनर सुखजिंदर सिंह रंधावा होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, सचिन पायलट, हरीश चौधरी, मोहन प्रकाश, सीडब्ल्यूसी सदस्य भंवर जितेंद्र, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और सीपी जोशी के साथ ही कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल को भी इसमें शामिल किया गया है।
माना जा रहा है, कि निवाई सीट पर प्रियंका का यह दौरा टोंक और जयपुर की विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालेगा। अगर बात करें 2018 की तो, 2018 में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। टोंक जिले, देवली उनियारा, निवाई और मालपुरा चार विधानसभा सीटें आती हैं। बड़ी बात ये है कि, कांग्रेस पार्टी का इस समय मालपुरा को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर कब्जा है। साथ ही साथ प्रियंका गांधी का ये दौरा अब सीधे सीधे दस जिलों पर असर डाल सकता है। इसका कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा नए जिले बनाना है।