India News (इंडिया न्यूज़), Petrol-Diesel Price: राजस्थान के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की वैट की समस्या को लेकर पिछले कुछ दिन पहले ही पेट्रोल पंप मालिकों ने हड़ताल के चलते दो दिन के लिए पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे। उनकी मांग थी की पड़ोसी राज्यों की तुलना में राज्य में पेट्रोलियम पदार्थों पर ज्यादा वैट लिया जाता है। यही नियम राज्य में भी लागू किया जाए। धरना प्रदर्शन कर 2 दिन के लिए पेट्रोल पंप बंद करने पर भी सरकार ने मालिकों की मांग पर कोई सुनवाई नही की। जिसको लेकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने एक बार फिर से विरोध शुरू कर दिया है। इस बार पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अलग तरीके से अपना विरोध जताया।
बता दें कि एसोसिएशन शुक्रवार, 29 सितंबर की रात्रि 8 से 10 बजे तक पेट्रोल पंपों की लाइट बंद कर विरोध जताया। तो वहीं, 1 अक्टूबर की सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक पेट्रोल-डीजल की बिक्री बंद रहेगी। एसोसिएशन की अजमेर इकाई के पदाधिकारियों ने शुक्रवार, 29 सितंबर को एडीएम शहर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। मीडिया संयोजक अशोक जयसिंहानी के अनुसार पेट्रोल पंप अनिश्चितकाल के लिए भी बंद किए जा सकते हैं। अभी यह स्पष्ट नही हुआ है।
मीडिया प्रभारी अशोक जयसिंहानी ने बताया – राज्य सरकार ने 10 दिन में एसोसिएशन की मांग पर समाधान का आश्वासन पूरा नहीं किया। प्रतिदिन 10 लाख लीटर डीजल और 8 लाख लीटर पेट्रोल की बिक्री जिले में होती है। जिले में प्रतिदिन करीब 18 करोड़ 24 लाख रुपए की कमाई का डीजल- पेट्रोल बिकता है। इस पर साढ़े 4 करोड़ रुपए का वैट सरकार वसूलती है। डीजल पर 9.3 प्रतिशत प्रति लीटर वैट और पेट्रोल पर 30.4 प्रतिशत वैट की वसूली होती है। शहरी क्षेत्र के पेट्रोल पंप 16 घंटे और हाईवे के पंप 24 घंटे खुले रहते हैं।
आपको बता दें कि राजस्थान में इस समय सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल बिक रहा है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में राज्य में पेट्रोलियम पदार्थों पर ज्यादा वैट लिया जाता है। जिसके चलते पेट्रोल पंप मालिकों ने दो दिन 13 और 14 सितंबर के लिए पेट्रोल पंप को बंद भी रखा था। लेकिन इसके बाद तीसरे दिन हड़ताल खुलने के बाद पेट्रोल पंप पर लोगों की लंबी-लंबी कतार लग गई थी।