कल्पना वशिष्ठ। जयपुर
जयपुर के शिप्रापथ पर शिक्षा के महान मंदिर “मॉडर्न स्कूल” ने अपनी बेहतरीन कार्यशैली से अभिभावकों का दिल जीत लिया है। कोरोना महामारी के विश्वव्यापी संकट में ऑनलाइन पढ़ाई को भी इस स्कूल के टीचर्स ने मिसाल बना दिया। आज इंटरनेट के युग में बदलते माहौल के अनुरूप स्कूल टीचर्स ने नित नए प्रयोग किये या ये कहें कि इंटरनेट का पूरा फायदा उठा कर स्टूडेंट्स को हर पल अपडेट रखा।
कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन समस्या है। ऑफलाइन क्लासेज की तरह ऑनलाइन टीचिंग चली। वही होमवर्क, वही रीडिंग, वही एक्टिविटी, वही नित नए दिशा-निर्देश समय-समय पर चले। बड़ी बात ये रही कि समय से पहले कोर्स पूरा कर सभी टीचर्स रिवीजन कराने में जुटे हैं।
स्टूडेंट्स व कई अभिभावकों से बातचीत में ये सामने निष्कर्ष सामने आया कि टीचर्स ने कमाल का काम किया है। स्कूल प्रबंधन व प्रिंसिपल की दमदार नीतियों के चलते ये सम्भव हो सका। खबर लिखने के पीछे ये उद्देश्य रहा कि जिस ऑनलाइन पढ़ाई को बोझ समझा जा रहा है, उसे मॉडर्न स्कूल के प्रबंधन व प्रिंसिपल, टीचर्स ने मिल कर सरल बना दिया।
साथ ही ये महसूस नहीं होने दिया कि बच्चा पढ़ाई के कारण तनाव में तो नहीं? इससे न केवल अभिभावक बच्चों को लेकर तनावमुक्त हैं बल्कि स्टूडेंट्स फ्रेस माइंड से जुटे हुए हैं। ये सीख ऑनलाइन पढ़ाई में पिछड़ रहे कई दूसरे स्कूलों के लिए भी है। अब मैच के अन्तिम ओवर शुरू हो गए हैं।
मार्च व अप्रैल में 6 से 12वीं क्लास तक की परीक्षा शुरू हो रही है। ऐसे में स्कूलों में भगदड़ है,कहीं कोर्स पूरा कराने की चिंता,कहीं ऑनलाइन पढाई समझ में नहीं आने की चिंता,कहीँ अलग मसले हैं। मॉडर्न स्कूल स्टूडेंट्स-टीचर्स इन सबसे दूर होकर स्टूडेंट्स की परसेंटेज बनाने में जुटे हैं।
वाकई! मॉडर्न स्कूल इस महामारी के काल में शिक्षा को लेकर राज्य में बड़ा उदाहरण बना है। जयपुर महानगर में इसकी हर जगह चर्चा है। वर्तमान में इस स्कूल का नाम नम्बर-वन श्रेणी में चल रहा है। स्टूडेंट्स का पर्सनाल्टी डवलपमेंट यहां पूरी तरह हुआ। बहरहाल, फाइनल एग्जाम को देखते हुए यहां के प्रबन्धन से लेकर प्रिंसिपल-टीचर्स ने पूरी ताकत लगा दी है।
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