India News (इंडिया न्यूज़ ), Kota News: शिक्षा नगरी कोटा में बढ़ते छात्रों के सुसाइड के मामलो ने सरकार के साथ-साथ पेरेंट्स की भी रातों की नींद उड़ा रखी है। छात्रों के सुसाइड मामलों की रोकथाम को लेकर कोटा में सरकार और प्रशासन हर प्रयास कर रहे है। लाख प्रयास के बाद भी कोटा में छात्रों के सुसाइड मामले थमने का नाम नही ले रहे। जिस डर से अब कई पैरेंट्स भी कोटा में आकर अपने बच्चों के साथ रहने को मजबूर हैं। पेरेंट्स का कहना है – इस माहौल को देखकर डर लगता है। इस बीच जिला कलक्टर एमपी मीना की अध्यक्षता में शुक्रवार यानी 20 अक्टूबर को कोचिंग एवं हॉस्टल संचालकों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी कोचिंग एवं हॉस्टल संचालक विद्यार्थियों को सकारात्मक माहौल देने के साथ-साथ उनकी अनुपस्थिति, व्यवहार में परिवर्तन को गंभीरता से लेते हुए समय के साथ जरूरी कदम उठाएं ताकि अवांछित घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बता दें कि अबसेंट होने पर अब स्टूडेंट्स से न आने की वजह पूछी जाएगी, इसके साथ-साथ काउंसलिंग भी होगी। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी कोचिंग व हॉस्टल संचालक गाइडलाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित करें। जिला कलक्टर ने ये भी निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की सुनिश्चितता सभी संस्थान करें। अनुपस्थित पाए जाने वाले विद्यार्थियों से संपर्क कर वजह जानी जाए और उनकी सही तरीके से काउंसलिंग की जाए, इसके साथ ही उनके अभिभावकों को भी सूचित किया जाए। आगे उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम कोचिंग व हॉस्टल संचालक अपनी जिम्मेदारी समझकर उठाएं। उन्होंने नोडल अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे नियमित निरीक्षण करते हुए स्थितियों की जानकारी लें और गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित कराएं।
पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कहा कि सभी संस्थानों में बायोमेट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता हो और अनुपस्थित पाए जाने वाले विद्यार्थियों की पूरी जानकारी लेकर कारणों का पता लगाया जाए। अवांछित गतिविधियों में पाए जाने पर उनके अभिभावकों को बुलाकर अवगत कराया जाए। बता दें कि बैठक में अतिरिक्त कलक्टर राजकुमार सिंह ने कोचिंग एवं हॉस्टल संचालकों के लिए पहले जारी की गई गाइडलाइन की पालना की जानकारी ली और निर्देश दिए कि विद्यार्थियों के लिए सकारात्मक माहौल देने की गतिविधियों, अवकाश, टेस्ट इत्यादि के दिशा-निर्देशों को सही मायने में धरातल पर उतारा जाए।