इंडिया न्यूज़ : ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन रखा जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत मंगलवार, 14 जून को है। इस दिन वट पूर्णिमा व्रत और बड़ा मंगलवार है। जीवन में सुख-समृद्धि के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा करते हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर, सत्यनारायण भगवान की कहानी सुनते हैं और उनकी पूजा करते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, पूजा और मुहूर्त के समय के बारे में।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 जून, सोमवार, रात 09 बजकर 02 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन: 14 जून, मंगलवार, शाम 05 बजकर 21 मिनट पर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप इस दिन सुबह से ही स्नान और दान कर सकते हैं क्योंकि सुबह से ही योग की शुरुआत हो जाती है। शुभ कार्यों के लिए यह योग शुभ होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान के बाद आप चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करें। इस दिन आप किसी ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान कर सकते हैं। इससे चंद्रमा मजबूत होता है, जीवन में सुख एवं समृद्धि आती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आप अपने घर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का आयोजन कर सकते हैं। सत्यनारायण भगवान को श्रीहरि विष्णु का ही एक स्वरूप माना जाता है। इस रात आप माता लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा से धन, संपत्ति एवं वैभव में वृद्धि होती है।
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