India News (इंडिया न्यूज़), JLF 2024: हर साल जयपुर में एक लिटेरचर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। जयपुर लिटरचर फेस्टिवल का एस बार 17वां सीजन आयोजित किया गया है, जो साहित्य प्रेमियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इस फेस्टिवल के दूसरा दिन, शुक्रवार भी गीतकार एवं कवि गुलज़ार साब की शायरी से महका रहा। फेस्टिवल के चलते गुलज़ार से बातचीत के दौरान एक पत्रकार द्वारा गुलज़ार साब की बायोग्राफी ‘हज़ार राहें मुड़ के देखीं…’ के सफरनामे के बारे में पूछा गया। जिसके बाद गुलज़ार साब, सत्य सरन तथा लेखक यतींद्र मिश्रा के बीच शायरी का दौर शुरु होगया। जिससे इस महफिल में चार चांद लग गए।
वहीं अपनी बायग्राफी के बारे में बात करते हए गुलज़ार द्वारा कहा गया कि इस बुक को केवल मेरी बायग्राफी न समझे। इससे भले ही ऐसा रुप दिया गया है, परंतुये मेरी बायग्राफी नहीं है। इस बुक में लोगों के सवालो से जुड़े जवाब दिए गए है जो कि आदी हकीकत, आधा फसाना है। वहीं उसके बाद गुलज़ार साब द्वारा इस बुक के लेखक यतींद्र मिश्रा की प्रक्रिया के बारे में भी वहां बैठी ऑडियन्स को समझाया। वहीं यतींद्र मिश्राका कहना है कि इस यात्रा में ऐसे कई सीमान्त बनते हैं, जहां हम गुलज़ार की क़लम को उनके सबसे व्यक्तिगत पलों में पकड़ने का जतन करते हैं।
इस अर्थ में गुलज़ार की कविता प्रेम में विरह, जीवन में विराग, रिश्तों में बढ़ती हुई दूरी एवं हमारे समय में अधिकांश चीज़ों के संवेदनहीन होते जाने की पड़ताल की कविता है। उनके जीवन-लेखन-सिनेमा की यात्रा असल में फूलों के रास्ते से होकर गुज़री यात्रा है, जिसमें फैली ख़ुशबू ने जाने कितनी रातों को रतजगों में बदल दिया है।
गुलज़ार की ज़िन्दगी के सफ़रनामे के ये रतजगे उनके लाखों प्रशंसकों के हैं। करीब 1 घंटे के सेशन के दौरान फ्रंट लॉन में युवाओं में गुलज़ार के लिए ख़ासा उत्साह देखा गया। सेशन में सत्य सरन ने भी अपने विचारों के जरिए गुलज़ार के मन के भावों को समझाया।
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