India News (इंडिया न्यूज़),(Ajit Mendola),Jaipur News: कांग्रेस की शनिवार, यानी 23 सितंबर को जयपुर में होने वाली चुनावी रैली कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। महिला आरक्षण विधेयक के संसद में पारित होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पहली बार राजस्थान में एक साथ चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूरी कांग्रेस ने सफल बनाने लिए ताकत झोंक दी है।
इंडिया न्यूज़ के संवाददाता अजित मेंदोला के अनुसार, राहुल गांधी और खरगे पहले वी टी रोड, शिप्रा पथ मानसरोवर में बनने वाले कांग्रेस के नए भवन का शिलान्यास करेंगे, इसके बाद वहीं नजदीक में चुनावी रेली को संबोधित करेंगे। इस रैली के माध्यम से कांग्रेस के नेता महिला आरक्षण कानून पर क्या बोलते हैं, उस पर सब की नजर रहने वाली है। बीजेपी ने तो महिला आरक्षण बिल को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर दी है। बता दें कि आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान से इसकी शुरुआत हो गई है। हालांकि कांग्रेस भी महिला आरक्षण बिल को अपना बता कर पूरा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। लेकिन साथ ही ओबीसी को शामिल करने का मुद्दा भी उठा रही है। कल और आज की रैली में कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर जोर देगी या अपनी सरकार की उपलब्धियों का ही बांध बांधती रहेगी।
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस मुख्यमंत्री गहलोत के फैसलों और योजनाओं के भरोसे सरकार रिपीट होने की पूरी उम्मीद लगाए हुए है। दोनों नेता अपने मुख्यमंत्री की कई बार तारीफ भी कर चुके है। इस रैली के दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी रैली होनी है। एक तरह से ये कहा जा सकता है कि चुनाव का असल बिगुल रैली के दौरान यानी कल के बाद बज जाएगा। क्योकि इस माह के आखिर में चुनाव आयोग भी राज्य के दौरे पर आ रहा है। इससे समझा जा सकता है कि अक्टूबर दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लग जायेगी। इसी के मद्दे नजर बचे कूचे दिनों में गहलोत सरकार तमाम घोषणाएं कर अपनी सरकार रिपीट कराने के पूरे जतन कर रहे हैं। अभी तक कांग्रेस की वापसी की उम्मीद भी दिख रही है। लेकिन महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद कांग्रेस की क्या चुनाव रणनीति रहने वाली रैली से काफी हद तक स्थिति साफ हो जाएगी।
पार्टी रैली में लोगों की भीड़ जुटा अपनी बढ़त को बरकार दिखाने की कोशिश करेगी। रैली में भीड़ जुटाने के मामले में भी कांग्रेस अभी आगे है। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी की लगातार रैलियां होंगी। दोनों पार्टियों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन लगभग पूरा हो चुका है। अब अंतिम दौर की मशक्कत दिल्ली में होगी। जिसके बाद प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। आचार संहिता लगने के बाद ही दोनों दल अपनी सूची निकालेंगे। उससे पहले दावेदारों की असली परीक्षा रैली में भीड़ जुटाने से होगी।