इंडिया न्यूज, उदयपुर
Jaipur-Ajmer Better In Terms Of Air Quality : प्रदेश में वायु की गुणवत्ता के मामले में अन्य शहरों से बेहतर स्थिति में जयपुर और अजमेर हैं। जबकि प्रदेश में सबसे बदतर स्थिति जोधपुर और उदयपुर शहर की है। इन दोनों शहरों की स्थिति दिन पर दिन खराब होते जा रही है। गौरतलब है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए वायु की गुणवत्ता बेहद जरूरी है।
इसके लिए पहली आवश्यकता वायु की गुणवत्ता का अच्छा होना है। उदयपुर शहर यूं तो हरी-भरी पहाड़ियों के बीच झीलों वाला शहर है। खुला वातावरण होने के बावजूद यहां वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होते जा रही है। प्रदेश में जोधपुर और उदयपुर ऐसे शहर हैं, जहां वायु की गुणवत्ता में लगातार गिरावट हो रही है। वहीं जयपुर और अजमेर जैसे बड़े शहर इस मामले में काफी बेहतर हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के कुछ शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक मापी गई तथा यह आंकलन किया गया कि किस शहर की वायु गुणवत्ता में कैसी स्थिति है। प्रदेश में जोधपुर की वायु सबसे ज्यादा प्रदूषित पाई गई। जोधपुर में सूचकांक 168 रहा। जबकि उदयपुर 156 सूचकांक के साथ दूसरे स्थान पर सबसे अधिक वायु प्रदूषण वाला शहर मापा गया। वहीं इस सूची में भीलवाड़ा 110, अजमेर 104, जयपुर 94, जालोर 76 और पाली 81 के साथ जोधपुर और उदयपुर से बेहतर स्थिति में रहे। उदयपुर में वायु प्रदूषण का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो इसकी स्थिति अहमदाबाद जैसी हो जाएगी, जहां छह मार्च को वायु प्रदूषण का सूचकांक 201 रहा।
पर्यावरणविद् ज्ञान प्रकाश सोनी ने बताया कि उदयपुर की झीलें, हरी भरी पहाड़ियां, खुला वातावरण आदि अच्छी वायु गुणवत्ता के लिए बेहतर आधार है। जो जयपुर और जोधपुर आदि में नहीं है। गौरतलब है कि पर्यटकों का उदयपुर के प्रति आकर्षण का कारण यहां का प्राकृतिक सौंदर्य है। लेकिन दुख की बात यह है कि यहां प्राकृतिक सौंदर्य होने के बावजूद उदयपुर में वायु गुणवत्ता का सूचकांक लगातार नीचे गिर रहा है। (Jaipur-Ajmer Better In Terms Of Air Quality)
अगर यही स्थिति रही तो उदयपुर की वायु गुणवत्ता अहमदाबाद, जोधपुर की तरह हो जाएगी। जबकि राजधानी जयपुर सहित अन्य कई शहर उदयपुर से बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक का सौ से ऊपर होना खतरे की घंटी है। जिसे समय रहते इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
पर्यावरणविद् डॉ. अनिल मेहता मानते है कि उदयपुर में पर्यटन उद्योग पनपे, यह हर कोई चाहता है। लेकिन इसके पनपाने के चक्कर में हम वायु गुणवत्ता न खो दें। इस पर ध्यान रखना चाहिए नहीं तो हवा में धूल कण के साथ ही दिन का तापमान बढ़ेगा। ऐसी स्थिति में लोगों को अस्थमा तथा सांस संबंधी बीमारी होगी।
इससे पर्यटन उद्योग आने वाले दिनों में प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि नदियाँ, झीलें,पहाड़, जंगल आदि सुरक्षित रहें और पर्यटन की भेंट न चढ़ें तभी वायु कह गुणवत्ता और मौसम अनुकूल रह सकता है। इन सारे तथ्यों को हमें ध्यान में रखकर हमें कार्य करना होगा ताकि हम विकास के साथ ही प्राकृति के साथ स्वस्थ संबंध बना सकें। Jaipur-Ajmer Better In Terms Of Air Quality