इंडिया न्यूज़, जयपुर।
Holi Celebration : होली का पर्व फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी पूर्णिमा गुरुवार को पूरी उमंग और उल्लास के साथ प्रदेश में मनाया जा रहा है। इस बार होलिका दहन भद्रा पुच्छ काल में है। रात 9:02 से 10:14 बजे तक भद्रा पुच्छ काल रहेगा। यानि 72 मिनट के समय के दौरान होलिका दहन का शुभ मूहूर्त रहेगा। शुक्रवार को भाईचारा, समानता और हर्षोल्लास के साथ धुलंडी मनाई जाएगी। आज आधी रात तक भद्रा का साया रहेगा। इस कारण होलिका दहन के लिए केवल 72 मिनट का शुभ मुहूर्त रहेगा। (Holi Celebration)
गोसेवी संगठनों और गोशाला प्रबंधन के अथक प्रयास से इस बार अधिक स्थानों पर होलिका दहन गोकाष्ठ से किया जाएगा। होलिका दहन पर इस बार भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। गोमय परिवार के निदेशक डॉ. सीताराम गुप्ता (Sitaram Gupta) ने बताया कि जयपुर से 20 से 25 स्थानों पर गोकाष्ठ वितरण केन्द्र बनाए गए हैं। दो साल बाद लोग आराध्य देवगोविंद के दरबार में गुरुवार और शुक्रवार को सुबह होली का आनंद ले सकेंगे। सिटी प्लेस में विधिवत रात 9.02 बजे ही होलिका दहन होगा। (Holi Celebration)
होली के दिन गुरु ग्रह की दृष्टि संबंध चंद्रमा से होने से गजकेसरी योग का निर्माण होगा। इसके साथ ही वरिष्ठ और केदार योग भी बनेंगे। होलिका दहन पर ये तीन शुभ योग पहली बार बनने जा रहे हैं। होलिका दहन पर ग्रहों की स्थिति से शत्रुओं पर विजय और रोगों से मुक्ति मिलेगी। इस बार भद्रा का दोष होने के कारण होलिका दहन शाम की बजाय रात में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होगा। होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। मान्यता के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में सूर्यास्त के बाद करना चाहिए लेकिन अगर इस बीच भद्राकाल हो तो होलिका दहन नहीं करना चाहिए। (Holi Celebration)
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