India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Health: दूध को हमेशा से संपूर्ण और पौष्टिक आहार माना जाता रहा है। इसके बिना पूरा आहार अधूरा लगता है। खासकर बच्चों के लिए घर के बड़े-बुजुर्ग उनके विकास और वृद्धि के लिए उन्हें भरपूर मात्रा में दूध देते हैं। हालांकि, किसी भी चीज का लाभ उसे सीमित मात्रा में लेने से ही मिल सकता है। किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यही हाल दूध का भी है। शारीरिक विकास के लिए दूध की अधिक मात्रा जरूरी है
कई लोगों का मानना है कि उचित शारीरिक विकास के लिए दूध की अधिक मात्रा जरूरी है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। यह सच है कि दूध संपूर्ण आहार का हिस्सा है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। सर्दी, खांसी, अपच, दस्त, त्वचा रोग जैसी स्थितियों में दूध का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, जिसे लैक्टोज इनटॉलेरेंस कहते हैं, उनके लिए भी दूध पीना नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन लोगों के लिए और कितनी मात्रा में दूध पीना फायदेमंद है-
एक स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से दूध पीना चाहिए। इससे शरीर को कैल्शियम, विटामिन बी12, विटामिन डी, कैलोरी, पोटैशियम, प्रोटीन और वसा समेत जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय आहार संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन 3 कप (750 मिली) दूध पीना चाहिए और बच्चों के लिए एक से 2.5 कप दूध पर्याप्त है। कितना दूध पीना चाहिए
हालाँकि, यह मात्रा प्रत्येक व्यक्ति के शारीरिक विकास के अनुसार बढ़ या घट सकती है। संतुलन के हिसाब से, प्रतिदिन 500 मिली दूध भी शरीर की कैल्शियम और विटामिन डी की ज़रूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। ज़्यादा दूध पीने के नुकसान
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