कल्पना वशिष्ठ, जयपुर (Paryushan Mahaparva): राजस्थान के गुलाबी नगर जयपुर में इन दिनों जैन समाज के पर्युषण महापर्व की धूम है। इस कड़ी में श्री केसरिया पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर, केसर चौराहा, मानसरोवर में पर्युषण महापर्व के उपलक्ष में फैंसी ड्रेस की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
नन्हें बच्चों ने आकर्षक मनमोहक प्रस्तुति से मन मोह लिया। बड़े आकर्षण का केंद्र बनी “चार माह की लाइशा काला”। अनुकम्पा प्लेटीना में रहने वाले अमन अंजली काला की पुत्री व नवीन लक्ष्मी काला की पोत्री लाइशा ने जिनवाणी माता का रोल निभाया। ऐसा लगा साक्षात् माता के दर्शन हो गए। नन्ही बच्ची ने सबका मन मोह लिया।
इस वर्ष 24 अगस्त 2022, दिन बुधवार से श्वेतांबर जैन समुदाय का सबसे खास महापर्व ‘पर्युषण’ शुरू हो गए हैं। ये पर्व 24 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त को 2022 को समाप्त हो गया। तत्पश्चात दिगंबर जैन समाज का पर्युषण या दशलक्षण पर्व 31 अगस्त से शुरू होकर 9 सितंबर 2022 तक मनाया जाएगा। पर्युषण पर्व के कार्यक्रमों के आयोजन में बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे।
श्वेतांबर जैन जहां त्याग-तपस्या और साधना के साथ 8 दिन का पर्युषण पर्व मनाते हैं, वहीं दिगंबर परंपरा में ये पर्व लगातार 10 दिनों तक चलता है। यह महापर्व पयुर्षण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
जैन धर्म के लोग पर्युषण को काफी महत्वपूर्ण त्योहार मानते हैं। जैन पंथ श्वेतांबर परंपरा में यह पर्व भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी तिथि से शुरू होकर भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तक मनाया जाएगा। श्वेतांबर जैन समाज के स्थानकवासी और मूर्तिपूजक का आत्मशुद्धि का 8 दिवसीय पर्वाधिराज पर्व ‘पर्युषण’ के दौरान संतों का सान्निध्य, सामूहिक आराधना, प्रतिक्रमण, प्रवचन, कल्पसूत्र तथा अनंतगढ़ सूत्र का वाचन, तप-आराधना, धर्म-ध्यान आदि किया जाएगा। जैन समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति नवीन काला बताते हैं कि इस खास अवसर पर भगवान महावीर जन्मवाचन समारोह भी मनाया जाएगा। इन दिनों तप और त्याग करके तथा दान और विधान करके कर्मों की निर्जरा की जाती है।
जयपुर जैन समाज के जाने-माने नागरिक नवीन काला कहते हैं कि प्रकृति ने हमें सबसे अच्छा अगर कुछ दिया है तो वह है मौसम, ऋतु चक्र। ग्रीष्म, शीत एवं वर्षाकाल अर्थात चातुर्मास काल यह समय पूरे भारतवर्ष में वृष्टि का काल होता है। वायु में जल की मात्रा अधिक होने और सूर्य की किरणें कम होने का काल होता है। ऐसे समय में संसार में असंख्य जीवों की उत्पत्ति होती है।
जैन धर्म का आधार अहिंसा है और इस वर्षा काल में जल में, वायु में, पृथ्वी पर असंख्य जीवों की उत्पत्ति और नाश होता है। जीव हत्या से कर्म बँधते हैं, कर्मों के बन्धन को कम से कम करने के लिए, अध्यात्म, स्वाध्याय एवं प्रभु भक्ति करने का समय ही वर्षाकाल होता है। वो कम से कम हो और अगर हो रहा है तो उन जीवों से संसार की सभी परमात्मा-आत्मा से क्षमा माँगें।
श्वेताम्बर जैन मान्यतानुसार हिन्दी माह के भादवा कृष्ण पक्ष की ग्यारस से भादवा माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी अर्थात गणेश चतुर्थी के दिन संवत्सरी के दिन तक 8 दिन तक पर्यूषण पर्व मनाया जाता है। तप, त्याग, संयम और अध्यात्म एवं स्वाध्याय किया जाता है। जैन मन्दिरों में प्रभु भक्ति एवं प्रभु प्रतिमा की आँगी ( प्रतिमा को सजाना ) की जाती है। पर्यूषण के दिनों में हरी सब्ज़ियाँ-फल नहीं खाते।
रात्रि भोजन का त्याग किया जाता है। यथा सम्भव जीवों का कम से कम नाश हो। जमीकंन्द एवं कन्दमूल न खाने का भी यही कारण होता है कि जड़ों में जीव होते हैं। वर्षा काल में पत्तेदार सब्ज़ियों पर कीड़े, लटें चलती दिख जायेंगी। वर्ष पर्यन्त हमारे द्वारा किये गये कार्यों से समस्त जीवों से मन, वचन एवं काया से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हुए पाप के लिए क्षमा याचना करते हैं। जीवन का मूल ही जैन धर्म का सिद्धान्त है और जैन धर्म की शैली अपना कर ही अपने कर्मों की निर्झरा की जा सकती है।
ये भी पढ़ें : कान्हा के भक्त कृष्ण जन्माष्टमी पर लगाएं ये खास मेहंदी के डिजाइन्स, जरूर करे ट्राई
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharat Bandh: भारत बंद के चलते यह अवकाश केवल छात्रो…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajya Sabha by-election: राज्यसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा हो…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Alwar News: टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम में महिला के अचानक प्रसव…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bikaner News: थाना इलाके के कानासर गांव में देर रात…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आबूरोड रीको पुलिस ने सात दिन पूर्व वृद्ध विधवा…