इंडिया न्यूज, कोटा:
Kota मेडिकल कॉलेज अस्पताल(Medical College Hospital) के वार्ड में बिजली जाने से इलाज के अभाव में रावतभाटा निवासी महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। मृतका नंदू वाई की बेटी मधु ने अपनी मां की मौत के लिए चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही ऐसे चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है। महिला ने कहा कि महिला में जिस समय उसकी मां का उपचार चल रहा था।
उस समय बिजली चली गई थी लेकिन प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। दरअसल, जिस समय नंदू बाई का उपचार चल रहा था। उस दौरान महिला के परिजन उसे बचाने की अस्पताल प्रशासन गुजारिश कर रहे थे। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी महिला की बेटी मधु का आरोप है कि हमने चिकित्सकों के हाथ तक जोड़े लेकिन उन्होंने बचाने की कोशिश नहीं की।
यहां तक कि जब उनको दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के लिए बोला तो एक चिकित्सक ने कहा कि आप लोग पूरे अस्पताल में एक बार घूम लो और पता करो कि कहां पर बेड खाली है। वहां शिफ्ट कर देंगे और उपचार करेंगे। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में एक भी सीनियर चिकित्सक नहीं था। सभी ट्रेनर चिकित्सक थे जो कि सिर्फ खानापूर्ति ही कर रहे थे। मृतका की बेटी मधु ने बताया कि उनकी मम्मी की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं था।
जिसके बाद महिला ने अपने एक परिचित के जरिए चिकित्सा अधिकारी को भी फोन किया लेकिन वहां से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया। सब जगह से सिर्फ आश्वासन मिलता दिखाई देख परिजनों ने अपने स्तर पर ही महिला को बचाने की कोशिश की। लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।
ये भी पढ़ें : Bharatpur में विवाहिता ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा मरने के बाद भी करती रहूगीं पति से प्यार