इंडिया न्यूज़, कोटा।
Agricultural Produce Market : कृषि उपज मंडी में सरसों की आवक घटने लगी है। धनिया की रफ्तार भी कम हो गई है। चना जिंस तीन हजार बोरी तक सिमटी हुई है। लेकिन, इस बार गेहूं की आवक में बढ़ोतरी का दौर चल रहा है। सोमवार को मंडी में करीब पांच हजार क्विंटल गेहूं की आवक हुई। खरीद के प्रति व्यापारियों ने उत्साह दिखाया। रामगंजमंडी में लंबे अरसे बाद ऐसा मौका आया है जब समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव होने के कारण किसान सीधे मंडी में गेहूं बेचने पहुंच रहे हैं।
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गेहूं की बीते सालों में सर्वाधिक आवक तीन से साढ़े तीन हजार बोरी के बीच में रहती आई है। उपखंड के किसान जो गेहूं का उत्पादन करते हैं वह मंडी में अच्छे भाव नहीं मिलने के कारण सीधे कोटा मंडी में इसे बेचने जाते थे। कई किसान तो हटवाड़ों में इसकी बिक्री करने पहुंचते थे। सातलखेड़ी व खैराबाद के हाट में गेहूं बेचने के लिए किसानों के सीधे तौर पर आने से रामगंजमंडी के लोगों को हटवाड़े में जाकर इसकी खरीद करनी पड़ती थी। गेहूं के अच्छे भाव नहीं मिलने के कारण सरकार ने सरकारी तोल कांटे पर इसका समर्थन मूल्य तय करके तुलाई का कार्य भी शुरू करवाया। मोड़क, सुकेत व रामगंजमंडी में इसकी खरीद भी बीते सालों में हुई, लेकिन इस बार हालात पूरी तरह से बदले हुए हैं।
उपखंड में इस बार किसानों ने रबी फसलों में चना व गेहूं के साथ सरसों की फसल की ज्यादा बुवाई की थी। धनिया का रकबा अन्य सालों की तुलना जैसा नहीं था। गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपए क्विंटल तय किया हुआ है। मंडी में खुली नीलामी में यह जिंस 2100 से 2200 रुपए तक बिक रही है। इसके कारण पंजीयन तोल कांटे पर नहीं हो रहा। रामगंजमंडी, मोड़क, चेचट, सुकेत में इसकी तुलाई का केन्द्र बनाया हुआ है, इसके बावजूद मंडी में 3, मोडक में 1 किसान ने रजिस्ट्रेशन कराया। दो साल पूर्व गेहूं में समर्थन मूल्य पर तुलाई के लिए किसानों ने खासा रुझान दिखाया था।
समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया संभवत अगले सप्ताह शुरू होने की संभावना है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जानकारों का मानना है कि चना के प्रति किसानों ने समर्थन मूल्य में तुलाई के लिए रुझान जरूर दिखाया है। इसका प्रमुख कारण खुली नीलामी से चना जिंस के भावों में करीब सात सौ रुपए क्विंटल का अंतर है। तोल कांटा शुरू होने के बाद चना जिंस के भावों में उछाल आता है तो पंजीयन में कमी आने की संभावना है।
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