Thursday, July 4, 2024
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Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue: बस 6 मीटर और! टनल से बाहर आएंगे 41 मज़दूर

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India News (इंडिया न्यूज़), Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue: उत्तराखंड में उत्तरकाशी टनल में हुए हादसे को आज 12वां दिन है। उस टनल में कुल 41 मज़दूर फंसे है। जिन्हें बाहर निकालने की कोशिश लगातार की जा रही है। उम्मीद है कि आज 12 वें दिन पिछले दिनों चल रही इस जंतोजहत का अंत होगा। आज सुरंग में फंसे सभी मज़दूर बाहर आजाएगे ऐसा आश्र्वासन दिया जा रहा है। घटनास्थल पर मौजूद एक्सपर्ट्स ने बताया कि आज 8 बजे तक सभी मज़दूरों के बाहर आने की उम्मीद है। उनका दावा है कि तवे सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे।

कल एनडीआरएफ की टीम इस टनल में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर गई है। जानकारी के मुताबिक मजदूरों को निकालने के क्रम में 45 मीटर पाइप ड्रिलिंग का काम भी पूरा हो चुका है। वहीं अब इस टनल में रस्सी और स्‍ट्रेचर के साथ ले जाया जा रहा है। जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि यहां फंसे मजदूर जल्द ही बाहर आ सकते हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने खबर एजेंसी एएनआई को बताया कि ”रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है। उम्मीद है 1-2 घंटे में नतीजे आ जाएंगे.मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है। मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर हटा दिया गया।

  11 दिन से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

इन मज़दूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पिछले 11 दिन से चल रहा है। इस बीच उन्हें मौसमी, केले, खिचड़ी सहित अन्य खाने का सामान पहुंचाया गया। सरकार द्वारा इनके लिए डॉक्टर की मदद से डाइट चार्ट बनवा इन्हें वो मील भी पहुंचाई गई। राहत की बात ये है कि पिछले 11 दिन टनल में फंसे ये मज़दूर आज भई सही सलामत है। कोई जान के नुकसान की सूचना अब तक प्रप्त नहीं हुई है।

अब केवल छह मीटर की ड्रिलिंग बाकी

एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार अब केवल छह मीटर की ड्रिलिंग बाकी है। जो कि आधे  घंटे में पूरी होने की उम्मीद है। इसके साथ ही आठ बजे चिनूक हेलीकॉप्टर चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर लैन्ड करने वाला है। अगर मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की जरूरत पड़ी तो ऐसे में यह तैयार रहेगा।

सुरंग में फंसे श्रमिकों के नाम 

उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 श्रमिकों को आज 11 दिन पूरे हो चुक है। वहां फंसे 41 श्रमिकों के नाम सबाह अहमद, बिहार; सोनु शाह, बिहार; वीरेन्द्र किसकू, बिहार; सुशील कुमार, बिहार; गब्बर सिह नेगी, उत्तराखंड; रविन्द्र, झारखंड; रनजीत, झारखंड; अनिल बेदिया, झारखंड; श्राजेद्र बेदिया, झारखंड; सुकराम, झारखंड; टिकू सरदार, झारखंड; गुनोधर, झारखंड; मनिर तालुकदार, पश्चिम बंगाल; सेविक पखेरा, पश्चिम बंगाल; अखिलेष कुमार, यूपी; जयदेव परमानिक, पश्चिम बंगाल; सपन मंडल, ओडिशा; विश्वजीत कुमार, झारखंड; सुबोध कुमार, झारखंड; भगवान बत्रा, ओडिशा; अंकित, यूपी; राम मिलन, यूपी; सत्यदेव, यूपी; सन्तोष, यूपी; जय प्रकाश, यूपी; राम सुन्दर, उत्तराखंड; मंजीत, यूपी; रनजीत, झारखंड; समीर, झारखंड; विशेषर नायक, ओडिशा; राजू नायक, ओडिशा; महादेव, झारखंड; मुदतू मुर्म, झारखडं; धीरेन, ओडिशा; चमरा उरॉव, झारखंड; विजय होरो, झारखंड; गणपति, झारखंड; संजय, असम; राम प्रसाद, असम; विशाल, हिमाचल प्रदेश; पु्ष्कर, उत्तराखंड है।

कैसे हुआ था हादसा?

बचावकर्मियों ने चारधाम रोड पर बनी सुरंग के बारकोट छोर पर भी दो विस्फोटक उपकरण विस्फोट किए और अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए एक और सुरंग खोदना शुरू कर दिया। 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्क याला सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे मलबे के दूसरी तरफ मजदूर फंस गए।

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