Categories: देश

Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस ट्रैजिडी की आज 39वीं बरसी, एक ही चिता पर जले थे कई शव

India News(इंडिया न्यूज़), Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी को दुनिया की सबसे बड़ी घटना के रूप में देखा जाता है। भोपाल गैस कांड वह असहनीय दर्द है, जिसकी टीस आज भी महसूस होती है। 2-3 दिसंबर की उस रात एक ऐसी दर्दनाख और खौफनाक घटना हुई, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लोगों को सदियों तक न भूलने वाला दर्द दे गई। पूरे भोपाल में हंगामा मच गया। उस धमाके ने ऐसे जख्म दिए कि आज भी हजारों परिवार उनका इलाज ढूंढ रहे हैं, जिनके जले हुए दामन इस बात के गवाह हैं। उस रात यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकली करीब 40 टन जहरीली एमआईसी गैस ने भयानक हादसा कर दिया था।

जगह-जगह लाशों के ढेर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गैस के असर से शहर में 15 हजार लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग घायल हो गए। लोग बेतहाशा अपने घरों से बाहर भाग रहे थे। जगह-जगह लाशों के ढेर लगे थे, कोई चीख रहा था, कोई रो रहा था। जिन लोगों ने उस रात को देखा था वे आज भी डर से कांप उठते हैं।

बाहर से आवाज आने लगी, भागो, भागो, सब मर जायेंगे

गैस पीड़ितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली रशीदा बी, जो खुद एक गैस पीड़ित हैं और गैस त्रासदी में अपने परिवार के कई सदस्यों को खो चुकी हैं, कहती हैं कि 1984 से पहले हमें नहीं पता था कि यहां यूनियन कार्बाइड नाम की कोई चीज है और इसलिए यह कुछ गैस है। 2 दिसंबर 1984 की रात हम सोने जा रहे थे। मैं सोने ही वाला था कि बाहर से आवाज आने लगी, भागो, भागो, सब मर जायेंगे।

जब हमारी देवरानी का बेटा बाहर गया तो उसने देखा कि लोग सैलाब की तरह दौड़े चले आ रहे हैं। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। हमारा संयुक्त परिवार था जिसमें 37 लोग थे। सर्दियों के दिन थे। सभी लोग उठकर भागने लगे। हम भी बाहर आ गए और आधा किलोमीटर भी नहीं जा पाए कि हमारी आंखें बड़ी हो गईं। ऐसा लगा जैसे मेरी छाती में आग लग गयी हो।

अब्दुल जब्बार ने 35 साल तक संघर्ष

गैस पीड़ितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले गैस पीड़ित संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने 35 साल से अधिक समय तक भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए लड़ने के बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। लेकिन न तो मुतस्रीन को कोई मुआवज़ा मिला, न कोई इलाज मिला और न ही कंपनी को कोई सज़ा मिली। 39 साल बाद जूनियर कार्बाइड कंपनी को कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया गया है, लेकिन उनके लोग आने से बच रहे हैं और तारीख बढ़ाई जा रही है।

बदकिस्मत थे जो आज भी जीवित…

वे लोग भाग्यशाली थे जो उस रात या दो-चार दिन बाद मारे गए। जो बदकिस्मत थे वो आज भी जीवित हैं और थोड़ा-थोड़ा करके मर रहे हैं। जिनके उस समय बच्चे थे और बाद में उनकी शादी हो गई, अब उनके बच्चे विकलांग पैदा हो रहे हैं। कोई देखने वाला नहीं है। सरकार ने मुआवजे के नाम पर धोखा दिया है। 25-25 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है, वह भी 7 साल तक 200 रुपए प्रति माह के हिसाब से। फिर बाद में 10,400 रुपये दे दिए गए। यह संपूर्ण मुआवज़ा है जिसके बाद फिर कभी कोई सुनवाई नहीं होती। अस्पताल के लिए भवन तो बना दिया गया है, लेकिन इसमें न तो डॉक्टर हैं और न ही दवाएं।सरकार आज तक यूनियन कार्बाइड से यह पता नहीं लगा पाई है कि इसका इलाज क्या है। लोगों को कैसे बचाया जाए।

ये भी पढ़े- Rajasthan Election 2023: BSP कर रही नई भूमिका की तैयारी? जानें पार्टी का बड़ा एलान

SHARE
Soumya Madaan

Recent Posts

Rajya Sabha by-election: रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी, कल दाखिल करेंगे नामांकन

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajya Sabha by-election: राज्यसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा हो…

3 months ago

Alwar News: हरियाणा से वापस अलवर जिले में पहुंचा टाइगर 2303, अब तक पांच लोगों को कर चुका है घायल

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Alwar News: टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले…

3 months ago

Bharatpur News: गर्भवती महिला को भूलवश ले गए आरबीएम अस्पताल, मौजूद नर्सिंगकर्मी ने की महिला की सहायता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम में महिला के अचानक प्रसव…

3 months ago

Bikaner News: देर रात गौ रक्षकों ने मुक्त करवाई सात गाय, पिकअप में ठूंस कर भरी थी गाय

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bikaner News: थाना इलाके के कानासर गांव में देर रात…

3 months ago

Sirohi News: घर पर अकेला पाकर वृद्ध विधवा महिला से दुष्कर्म और लूट, सात दिन बाद पुलिस को मिली सफलता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आबूरोड रीको पुलिस ने सात दिन पूर्व वृद्ध विधवा…

3 months ago