इंडिया न्यूज़, अनिल ऐरन: रबड़ी एक मजेदार मीठा पकवान है जिसका जायका उत्तर भारत में काफी पोपुलर है। राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू और आबू रोड की रबड़ी के जायके का जवाब नहीं है जो सैलानियों को खूब भाती है। यहां की लजीज रबड़ी के दीवानों की कमी नहीं है।
आइए आज हम रबड़ी के इस जायकेदार पकवान के सफर पर चलते है और जानते हैं कि आखिर रबड़ी का जायका लोगों को इतना क्यों भाता है और जिस रबड़ी को खाने में सिर्फ मिनटों लगते है उसे बनाने में आखिर कितना समय लगता है। तो चलते है और आबू रोड से माउंटआबू रबड़ी के जायकेदार सफर पर।
माउंट आबू, आबू रोड की रबड़ी पूरे दुनिया में मशहूर है। आबू रोड के रेलवे स्टेशन पर उतरते ही रबड़ी की आवाज कानों में गूंजने लगती है। फिर सैलानियों का ध्यान उस ओर अपने-आप चला ही जाता है। जहां पर्यटक इस प्रसिद्ध रबड़ी को अलग ही मजा लेते हैं।
आप आबू रेलवे स्टेशन पर जैसे ही उतरते है वैसे ही रबड़ी ले लो की आवाजें रेलवे स्टेशन पर गूंजने लगती है। आबू रोड की रबड़ी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है यहां की रबड़ी का खाना मजा आने आने वाले पर्यटक अलग ही लेते हैं। लोग मिठास भरी इस रबड़ी को खरीदने का लोभ नहीं त्याग पाते है। क्योंकि यहां के रबड़ी का स्वाद यकीनन अनोखा है ।
जिस रबड़ी की मिठास के सभी इतने दीवाने है आइए जानते है। उसके बनने में आखिर समय कितना लगता है। केसर इलायची और दूध से तैयार यह रबड़ी करीब 5 घंटे में तैयार होती है। इसे 5 घंटे में गरम कढ़ाई में उबाला जाता है और एक तरफ रबड़ी के लच्छे बिछाए जाते हैं।
जिसके 5 घंटे बाद यह बनकर तैयार हो जाती है। शाम के समय माउंट आबू में रबड़ी खाने वालों की भीड़ लग जाती है। फिर शुरू होती है सैलानियों के लिए रबड़ी के जायकेदार सफर की शुरुआत।
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