India News (इंडिया न्यूज़), Will of Steel Awards: सविधान का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता को माना गया है। आपको पता हो तो, अब इसमें दुनिया के सबसे बड़े पत्रकारिता पुरस्कार के लिए नामांकन भी शुरू हो गए हैं, जिसकी पुरस्कार राशि 14 लाख रुपये है। विल ऑफ स्टील अवॉर्ड्स (Will of Steel Awards) के तहत पत्रकारिता (Journalism) में जेठमलानी पुरस्कार का गठन श्री राम जेठमलानी के जन्म शताब्दी वर्ष के सम्मान में किया गया है।
बता दें कि यह प्रमुख वैश्विक पुरस्कार लोकतंत्र, सार्वजनिक भलाई और सूचना में पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाले सेवा के क्षेत्र में महान मानवतावादी की स्मृति में प्रदान किया जाना चाहिए, जो न्यायशास्त्र, शासन और लोकतंत्र के स्तंभ रहे थे।
विनर सेलेक्ट करने वाली जूरी की अध्यक्षता भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद ए. बोबडे करेंगे। इसके अलावा जूरी सदस्यों में राज्यसभा के उपसभापति डॉ. हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा के सदस्य डॉ. सस्मित पात्रा, बायोकॉन की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ, द संडे गार्जियन के एडिटोरियल डायरेक्टर प्रोफेसर माधव नलपत, फोटोग्राफर रघु राय, रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष शेखर मेहता, वरिष्ठ पत्रकार कल्याणी शंकर और फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर शामिल रहेंगे। बता दें कि नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2023 है।
पुरस्कार समारोह 15 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित NDMC कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। यह पुरस्कार जिन कैटेगिरीज के तहत व्यक्तियों और संगठनों को प्रदान किया जाएगा, वो इस प्रकार हैं…
यह पुरस्कार ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – एक विश्व, एक परिवार की भावना से लोकतंत्र, सुशासन को बढ़ावा देने के लिए दुर्लभ और महान योगदान के लिए सम्मान दिया जाएगा।
कानूनी कार्यवाही, निर्णयों और कानूनों के बारे में सार्वजनिक हित में सटीक जानकारी प्रसारित करने के लिए जनसंचार माध्यमों के सबसे प्रभावी उपयोग के लिए यह सम्मान दिया जाएगा
जेंडर इम्पावरमेंट, आदिवासियों और हाशिए पर रहने वाले समूहों के सामाजिक उत्थान को सबसे प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।
नामांकन व अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.willofsteel.org पर जाएं
आपको बता दें है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्रिक देश है। देश में सबसे अधिक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं और सबसे अधिक न्यूज चैनल प्रसारित होते हैं। पत्रकारिता (Journalism) के क्षेत्र के सबसे भव्य पुरस्कार को भारत में स्वाभाविक वैश्विक ठिकाना मिलना चाहिए। भारत से शुरू होकर यह पुरस्कार दुनियाभर में पत्रकारिता में सार्वजनिक सेवा को मान्यता देगा।