कोरोना वायरस से भी घातक H3N2 वायरस से डरा पूरा राजस्थान, जाने क्या है इसके लक्षण

(इंडिया न्यूज),जयपुर: (What is H3N2 virus) राजस्थान ही नहीं देशभर में H3N2 नाम के वायरस का संक्रामक तेजी से फैल रहा है। इस वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं, उन्हें ठीक होने में करीब 10 से 12 दिन तक लग रहे हैं। 7% बच्चों को तो कंडीशन बिगड़ने पर ICU तक में भर्ती करना पड़ रहा है।वायरस फ्लू श्रेणी का है, लेकिन इसका असर कोरोना की तरह देखा जा रहा है। यानी यह वायरस बुखार के साथ-साथ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। चिंता की बात ये है कि कर्नाटक और हरियाणा में इस वायरस से दो लोगों की मौत की खबर आ रही है।

एक्सपट्‌र्स ने बताया कि ओपीडी में आने वाला हर तीसरा या चौथा मरीज H3N2 या इससे मिलते-जुलते वायरस से संक्रामक है। मरीज में तेज बुखार के बाद लंबे समय तक खांसी चलने की शिकायत ज्यादा आ रही है।

प्रदेश में अचानक से केस बढ़ने पर प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की मदद ली। उनसे यह जाना कि यह वायरस क्या है? कितना कहर बरपा रहा है? इससे बचने के क्या तरीके हैं? आइए आपको बताते हैं…

इसके लक्ष्ण 6-7 दिन रहता है बुखार

एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि यहां ओपीडी में हर तीसरा-चौथा मरीज तेज खांसी-बुखार की शिकायत लेकर आ रहा है। इसमें ज्यादातर मामले H3N2 के अलावा इससे मिलने अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के हैं।

ये वायरस मौसम में बदलाव के साथ एक्टिव होते हैं और तेजी से स्प्रैड हो रहे हैं। इसमें बुखार सामान्यत: 3-4 दिन रहता है, लेकिन कुछ केस में 6-7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा। हालांकि राहत की बात ये कि जितने भी मरीज इन वायरस की चपेट में आ रहे हैं, उसमें 95 फीसदी केस हल्के लक्षण वाले यानी सीवियर नहीं हैं। हालांकि कुछ मरीजों में निमोनिया जैसी कंडीशन बन रही है।

मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है

डॉक्टर सक्सेना के मुताबिक इन वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और ये लंबे समय तक रहती है। खांसी काफी तेज होती है और ये ठीक होने में 10-12 दिनों तक ले रही है। इन दिनों देखने को मिल रहा है कि कई मरीजों में खांसी 3 सप्ताह में भी पूरी तरह खत्म नहीं हो रही।

मरीजों में निमोनिया की कंडीशन भी बन रही

डॉक्टरों का कहना है कि H3N2 वायरस के संक्रमित हो रहे कुछ मरीजों में लंग्स में ज्यादा इंफेक्शन फैल रहा है। इससे निमोनिया होने की भी कंडीशन बन रही है। अक्सर बुजुर्ग या छोटे बच्चों में केस ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की भी नौबत आ रही है।

इस वायरस को लेकर स्पेसिफिक कोई जांच प्रदेश में नहीं हो रही है। राहत की बात ये है कि अभी तक कोई मौत प्रदेश भी दर्ज नहीं हुई है। सिर्फ लक्षणों के आधार पर जैसे खांसी-जुकाम लंबे समय तक बुखार पर ही डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। ओपीडी की अगर बात करें तो अभी ज्यादातर मरीज खांसी-जुकाम-बुखार के ही अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज और एमबीएस अस्पताल में मिलाकर 1500 पार है।

मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या जरूर बढ़े

भरतपुर के आरबीएम अस्पताल की अधीक्षक जिज्ञासा साहनी ने बताया कि अभी H3N2 वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बुखार-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या जरूर बढ़ी है। अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भी यही स्थिति है। वहीं जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में होली से पहले ही मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ने शुरू हो गए हैं।

H3N2 वायरस क्या है

H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है। यह एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है जिसकी खोज 1968 में हुई थी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का मानना है कि इन्फेक्शन के लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहे सकते हैं। H3N2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है। लेकिन खांसी तीन हफ्ते से ज्यादा दिनों तक बनी रहती है।

एंटीबायोटिक के सेल्फ यूज से बचें

अक्सर कई मरीज डॉक्टरों को दिखाए बिना ही मेडिकल स्टोर पर जाकर सामान्य एंटीबायोटिक (एजिथ्रोमाइसिन, अमोक्सिक्लेव या अन्य दवाइयां) लेकर ठीक होने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करें, क्योंकि इनमें कई वायरस में लाइन ऑफ ट्रीटमेंट अलग होता है।

वहीं, कुछ मरीज जांच में वायरल इंफेक्शन के अलावा बैक्टिरियल बीमारी से भी पीड़ित निकल रहे हैं। ऐसे में मरीजों को एंटी बायोटिक्स का सेल्फ यूज करने से बचना चाहिए। डॉक्टर को दिखाने और जांच करवाने के बाद जो डॉक्टर दवाइयां लिखे उसे ही लें।

H3N2 वायरस के लक्षण

  • मरीज में 3-5 दिन तक तेज बुखार आने के साथ ही नाक बहना।
  • तेज खांसी के साथ गले में दर्द या जलन जैसी शिकायत।
  • खांसने के बाद सांस लेने में तकलीफ होना।
  • शरीर में कमजोरी के साथ थकान।
  • बचाव के लिए ये करें उपाय।
SHARE
Nisha Parcha

Recent Posts

Rajya Sabha by-election: रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी, कल दाखिल करेंगे नामांकन

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajya Sabha by-election: राज्यसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा हो…

1 month ago

Alwar News: हरियाणा से वापस अलवर जिले में पहुंचा टाइगर 2303, अब तक पांच लोगों को कर चुका है घायल

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Alwar News: टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले…

1 month ago

Bharatpur News: गर्भवती महिला को भूलवश ले गए आरबीएम अस्पताल, मौजूद नर्सिंगकर्मी ने की महिला की सहायता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम में महिला के अचानक प्रसव…

1 month ago

Bikaner News: देर रात गौ रक्षकों ने मुक्त करवाई सात गाय, पिकअप में ठूंस कर भरी थी गाय

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bikaner News: थाना इलाके के कानासर गांव में देर रात…

1 month ago

Sirohi News: घर पर अकेला पाकर वृद्ध विधवा महिला से दुष्कर्म और लूट, सात दिन बाद पुलिस को मिली सफलता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आबूरोड रीको पुलिस ने सात दिन पूर्व वृद्ध विधवा…

1 month ago