India News ( इंडिया न्यूज़ ),Medical Students: बार-बार फेल होने वाले एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए बुरी खबर आई है। अब से उनके डॉक्टर बनने के सपने में बाधा खड़ी हो सकती है। जी हां नेशनल मेडिकल कमीशन यानी एनएमसी ने एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के लिए अधिकतम समय सीमा 9 वर्ष कर दी है। यानी इस अवधि तक भी साढ़े चार वर्ष में पूरा होने वाला कोर्स पूरा नहीं हुआ तो एमबीबीएस विद्यार्थियों का डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाएगा। बता दें कि अभी न्यूनतम साढ़े चार वर्ष के अलावा एक वर्ष इंटर्नशिप के लिए मिलता है।
इस संबंध में एनएमसी ने अधिसूचना जारी की है। पाठ्यक्रम में प्रवेश की तिथि से लेकर नौ वर्ष माने जाएंगे। ये नए नियम सत्र 2023 से ही लागू होंगे। गौरतलब है कि एनएमसी ने पिछले माह वर्ष 2020 सत्र में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष में चार बार फेल होने के बाद भी पांचवें प्रयास की अनुमति दी थी। हालांकि यह नियम सिर्फ एक सत्र के लिए ही लागू माना गया है। अधिसूचना के अनुसार भविष्य में नीट यूजी का संचालन एनएमसी या एनएमसी की ओर से नामित किसी एजेंसी या प्राधिकरण से करवाया जाएगा।
चिकित्सा के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनएमसी की ओर से प्रदान की गई सीट मैट्रिक्स के आधार पर देशभर में कॉमन काउंसलिंग होगी। लेकिन बता दें कि काउंसलिंग के लिए आवश्यकतानुसार कई चरण आयोजित किए जा सकते हैं। अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड यानी यूजीएमईबी कॉमन काउंसलिंग के लिए दिशा निर्देश जारी करेगा। सरकार काउंसलिंग के लिए एक नामित प्राधिकरण नियुक्त करेगी।