India News(इंडिया न्यूज़ ), Jaipur Bomb Blast Case: राजस्थान के जयपुर जिले में ब्लास्ट केस में चार आरोपियों जिनकों पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। उनकी फांसी की सजा पर लगी हुयी रोक अभी बरकरार रहेगी। दरअसल, हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अभी बरकरार रखा है। जिसमें उन्होनें चारों आरोपियों को बरी करते हुये फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की एसएलपी को मंजूरी देते हुए सुनाया है। साथ ही इस मामले में दोषमुक्त किए गए आरोपी मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान के नोटिस तामील करवाने को कहा है।
रिकॉर्ड पेश करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी
2008 जयपुर में 8 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिस वजह से म और इस मामले को लेकर निचली अदालत ने फांसी की सजा भी सुनाई थी। हाई कोर्ट को इस आदेश में कोछ गलतियाँ लगी थीं। जिस वजह से हाई कोर्ट ने उन चारों को दोषमुक्त करार दे दिया था। हाई कोर्ट के इस फसले की वजह से ही पीड़ित और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाया था।
रिकॉर्ड पेश करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी
जस्टिस अभय एस ओका और राजेश बिंदल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एसएलपी पर सुनवाई के लिये मंजूरी दे दी है। अदालत ने निचली अदालत को यह निर्देश देते हुए कहा कि वह मामले का रिकॉर्ड पेश करे और य़ह रिकॉर्ड पेश करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कह दिया है कि यह मामला डेथ रेफरेंस से जुड़ा है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने ही रिकॉर्ड पेश किए जाएं। जिसे इस मामले पर सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच का गठन किया जा सके।
चारों आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिए हैं
चारों आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिए हैं। लेकिन जमानत कि कुछ शर्तों होंगी। जमानत की पहली शर्त है कि वे किसी ओर मामले में वांछित न हों और न ही उनके खिलाफ कोई सुनवाई होगी। दूसरी शर्त रखी गई है कि चारों आरोपियों को अपना पासपोर्ट राज्य सरकार के पास जमा करना होगा।
तीसरी शर्त के है कि चारों आरोपियों को जमानत मिलने के बाद भी हर सुबह 10 से 12 बजे के बिच में एटीएस के पास उपस्थित होना पडेगा। वहीं, चौथी शर्त के अनुसार वे बिना कोर्ट की मंजुरी के देश से बाहर नहीं जा सकते।
REPORT BY: KASISH GOYAL