India News ( इंडिया न्यूज ) Health Report: बढ़ते समय के साथ जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ रहा है, वैसे ही लेगों के लिए चुनौतियां बढ़ रही है। इसी बीच लांसेट से एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें लिखा गया है कि 2050 तक गर्मी से होने वाली मौत 370 गुना तक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में और भी बहुत कुछ लिखा है। नवंबर का महीना भी आधे से ज्यादा बीत चुका है, पर उत्तर भारत में जहां कड़ाके की ठंड पड़ती थी वहां अभी तक लोग सर्दियों का इंतजार कर रहे हैं।
धरती के तापमान को कंट्रोल करने के लिए बड़े-बड़े मंचों पर इसकी बात की जाती है। साथ ही तापमान को नियंत्रित करने के लिए वादे और दावे भी किए जाते हैं और गर्मी लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब तक का सबसे गर्म सालों की बात की जाए तो साल 2023 रहा है।
ब्रिटिश जर्नल लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 से 2022 के बीच गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाया था, इन 4 वर्षों में दुनियाभर में कुल 86 दिन ऐसे थे, जब जानलेवा गर्मी पड़ी, वहीं प्रश्न ये भी उठता है कि आखिर गर्मी क्यों बढ़ रही है, और जब कारणों का पता लगाने की कोशिश की जाती है तो पता चलता है कि ज्यादातर कारण इंसानों के कारण ही पैदा हुए हैं।
बच्चे क्या जवान व बुजुर्ग सभी लोग प्रचंड गर्मी से परेशान हो रहे हैं, गर्मी का असर जानवरों और अन्य प्रजातियों पर भी गंभीर रूप से पड़ रहा है, बढ़ते तापमान की वजह से धरती का लगातार बहुत की प्रजातियों पर अस्तित्व का संकट गहरा गया है, साथ ही बात करें इंसानों की तो गर्मी की वजह से ही 65 साल से अधिक की उम्र के बुजुर्गों की मौत के मामलों में 85% की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
हम अपनी क्षमता का आधा ही काम साल 2050 तक कर पा रहे होंगे।
गर्मी से होने वाली मौतें साल 2050 तक 370 गुना बढ़ जाएंगी।
लेबर लॉस यानी काम के घंटों का नुकसान इस गर्मी के कारण 50 फीसद का होना तय है।
डेंगू जैसी बीमारियां साल 2050 तक 37 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी।