Arc Cutter Machine Demand: भारत में एक समय था, जब देश में कृषि कार्य मजदूरों के द्वारा किया जाता था। क्योकि तब किसी भी प्रकार का कोई कृषि उपकरण नही था। इसलिए कृषि कार्य मजदूरों के द्वारा करवाया जाता था।
लेकिन अब मजदूरों की जगह मशीनों ने ले ली है। कृषि का 80% कार्य मशीनों के द्वारा ही किया जा रहा है। यही वजह है कि नई नई तकनीक से दिन प्रतिदिन नए कृषि उपकरण बनने लगे है। आपको बता दें कि भारत जैसे देश में खेती सबसे ज्यादा मजदूरों द्वारा की जाती है। देश का एक ऐसा जिला जो कृषि उपकरणों के लिए देश में एक अलग पहचान बना चुका है।
500 मजदूरों के द्वारा कृषि उपकरण तैयार
यहां फसल के सीजन के साथ ही किसानों की मांग के अनुसार कृषि उपकरण तैयार किए जाते हैं। बता दें कि यहां करीब 25 से अधिक कारखानों में 500 मजदूरों के द्वारा कृषि उपकरण तैयार किए जा रहे है। व्यापारियों ने बताया कि सीजन को ध्यान में रखते हुए चाफ कटर मशीन उपकरण बनाने की शुरुआत हो चुकी है। जिसकी मांग देश के विभिन्न ज़िलो में है।
मशीन से कृषि के लिए विभीन्न कार्य
सीजन को ध्यान में रखते हुए भरतपुर के मालिक दिनेश दूदूपुरा एडवोकेट चाप कटर मशीन बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस मशीन से कृषि के लिए विभीन्न कार्य किए जा सकते है। जैसे चारा कूटने व लकड़ी काटने के साथ-साथ धानो को अच्छे से साफ भी इस मशीन द्वारा किया जाता है। इस मशीन की मांग देश के विभिन्न राज्यो जैसे बिहार,झारखंड,महाराष्ट्र, यूपी, एमपी, पश्चिम बंगाल,हरियाणा आदि में है।
एक मशीन को बनाने में लगता है एक सप्ताह
अगर इस मशीन की कीमत की बात की जाए तो, एक चाप कटर मशीन की कीमत 1 लाख रूपए है। मालिक ने बताया कि इस मशीन को बनाने के लिए कच्चा माल लुधियाना,अलवर, जयपुर और दिल्ली से मंगाया जाता है। एक मशीन को बनाने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय लगता है और किसानो को एक लाख रुपए तक की कीमतों में यह मशीन बेची जाती है। कई राज्यों में कृषि उपकरणों को लेकर उनकी सरकार के द्वारा सब्सिडी दी जाती है।