Thursday, July 4, 2024
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भर्ती परीक्षा के बाद रोडवेज में फ्री यात्रा के लिए अभ्यर्थियों की उमड़ी भारी भीड़

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चूरू: (Court Clerk Recruitment Exam) राजस्थान के चूरू जिला मुख्यालय पर रविवार 19 मार्च को हुई कोर्ट लिपिक भर्ती परीक्षा के बाद रोडवेज में फ्री यात्रा के लिए डिपो में अभ्यर्थियों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान रोडवेज बस (Roadways Bus) में सीट के लिए अभ्यर्थियों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।

रोडवेज बस के डिपो में आते ही अभ्यर्थी सीट के लिए उसके पीछे दौड़ने लगे। कई बसों में तो अभ्यर्थियों ने खिड़कियों में से घुसकर सीटें रोकी। इस दौरान अभ्यर्थियों में काफी धक्का मुक्की हुई।

बजट घोषणा के बाद सभी अभ्यर्थियों के लिए फ्री रोडवेज बस 

कई बार उनकी रोडवेज स्टाफ के साथ कहासुनी भी देकने को मिली। दरअसल राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए अशोक गहलोत सरकार ने रोडवेज में फ्री यात्रा की सुविधा मुहैया करवा रखी है। गहलोत की दो साल पहले की गई इस बजट घोषणा के बाद सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए उनके घर से परीक्षा केन्द्र तक जाने और आने का रोडवेज बस में किराया नहीं लगता है। सरकार की इस घोषणा के बाद से प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाने वाले अभ्यर्थी रोडवेज बस को ही तरजीह देते हैं। इसके कारण कई बार भीषण मार-पीट तक की भी नौबत आ जाती है।

मार्च के बाद यह समस्या और बढ़ने वाली है

रीट, पटवारी और पुलिस कांस्टेबल जैसी बड़ी भर्ती परीक्षओं में तो रोडवेज प्रबंधन अभ्यर्थियों के लिए अतिरिक्त बसों की भी व्यवस्था करता है। लेकिन छोटे स्तर पर होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था नहीं होती है। लिहाजा अभ्यर्थी नियमित बसों में ही काबिज हो जाते हैं। इससे सामान्य यात्रियों का उस बस में सफर करना बेहद मुश्किल हो जाता है। प्रदेश में आए दिन होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान रोडवेज बसों में यही नजारा देखने को मिलता है। अब मार्च के बाद यह समस्या और बढ़ने वाली है। क्योंकि 31 मार्च को राजस्थान रोडवेज की 1200 बसें रिटायर हो रही हैं।

रोडवेज के बेड़े में अभी कुल 2800 बसें हैं। उनमें से 1200 बसों की मियाद पूरी हो चुकी है। ये बसें निर्धारित आठ लाख किलोमीटर तक चल चुकी हैं। वहीं उनकी सेवा अवधि के भी आठ साल पूरे कर चुके हैं। लिहाजा नियमों के मुताबिक इन 1200 बसों को अब संचालन से हटा लिया जाएगा। उसके बाद रोडवेज की केवल 1600 बसें ही संचालित होंगी। रोडवेज में नई बसों की खरीद की अभी तक कोई प्लानिंग नहीं बनी है। इसलिए आने वाले दिनों में बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान रोडवेज बसों में यह सफर और मुश्किल हो जाएगा।

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