Thursday, July 4, 2024
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प्रदेश के बीकानेर का 650 वर्ष पुराना करणी माता का प्रसिद्ध मंदिर, इसके आधार पर हुई बीकानेर-जोधपुर की स्थापना

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Bikaner: राजस्थान के पश्चिम में बीकानेर के देशनोक में करणी माता का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर को चूहे वाली माता का मंदिर या रैट टैम्पल भी कहा जाता है। इसकी वजह यह है कि यहां बड़ी संख्या में चूहे पाए जाते हैं। इस मंदिर में दोनो तरह के चूहे पाए जाते है। लेकिन इस मंदिर में सफेद चूहों को देखना अति शुभ माना जाता है। देशनोक करणी माता का मंदिर संभवतया देश का ऐसा इकलौता मंदिर है जहां पर करीब 20 हजार चूहे रहते हैं।

सफेद चूहों को मां करणी का वाहक माना जाता है

सफेद चूहों को मां करणी का वाहक माना जाता है। माना जाता है कि ये देवी का चमत्कार है कि इतने सारी चूहे होने के बावजूद आज तक यहां कोई बीमारी नहीं फैली। इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और मनोकामना लेकर आते हैं। आपको बता दें कि करणी माता बीकानेर राजघराने की कुलदेवी हैं।

करणी माता के वर्तमान मंदिर का निर्माण बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। इस मंदिर में चूहों के अलावा संगमरमर के मुख्य द्वार पर की गई उत्कृष्ट कारीगरी, मुख्य द्वार पर लगे चांदी के बड़े-बड़े किवाड़, माता के सोने के छत्र और चूहों के प्रसाद के लिए रखी चांदी की बहुत बड़ी परात भी इस मंदिर का मुख्य आकर्षण केंद्र हैं।

मंदिर के आधार पर बीकानेर और जोधपुर राज्य की स्थापना की गई

कई श्रद्धालुओं का मानना है कि करणी देवी साक्षात मां जगदम्बा की अवतार थीं। बता दें कि यह मंदिर करीब 650 वर्ष पुराना है। अभी जिस स्थान पर यह भव्य मंदिर है, वहां एक गुफा में रहकर मां अपने ईष्ट देव की पूजा अर्चना किया करती थीं। यह गुफा आज भी मंदिर परिसर में स्थित है।

मां के ज्योर्तिलीन होने पर उनकी इच्छानुसार उनकी मूर्ति की इस गुफा में स्थापना की गई। बताते हैं मां करणी के आशीर्वाद से ही बीकानेर और जोधपुर राज्य की स्थापना की गई थी। यह प्रसिद्ध मंदिर बीकानेर रेलवे स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर है। यहां सड़क और रेल मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

 

 

 

 

 

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