Friday, July 5, 2024
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अशोक गहलोत इस बार सीएम के तौर पर अपना तीसरा कार्यकाल करेंगे पूरा, जानें इनसे पहले ज्यादा समय तक सीएम बने ये बड़े चेहरे

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India News (इंडिया न्यूज)Politics News: अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री है, ये बात तो सभी जानते ही है लेकिन क्या आपको पता है कि अशोक गहलोत इस बार सीएम के तौर पर अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे है और अगर इस बार भी वह चुनाव जीत जाते है, तो अशोक गहलोत चौथी बार सीएम की कुर्सी संभालेंगे। लेकिन अशोक गहलोत ऐसे पहले मुख्यमंत्री नही है जोकि इतने ज्यादा समय तक इस पद पर रूके है। इनसे पहले भी कई मुख्यमंत्री इस कुर्सी पर अपनी हुकूमत लम्बे समय तक चला चुके है।

मोहन लाल सुखाड़िया

मोहन लाल सुखाड़िया राजस्थान के अब तक के सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहने वाले पहले मुख्यमंत्री रहे, इतना ही नही वे प्रधानमंत्री के पद के भी बहुत करीब थे। उन्होने 10 बार विधायक पद पर लगातार जीत हासिल की।

आपको बता दें कि इन्होने 17 वर्षों यानी 1954-1971 तक राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वह 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने। इसके लिए, उन्हें अभी भी “आधुनिक राजस्थान के संस्थापक” के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है।

हरिदेव जोशी

हरिदेव जोशी राजस्थान से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद सन् 1952 में उनका प्रवेश राजनीति में हुआ, तब से वे 10 बार राज्य विधानसभा का चुनाव लड़े और हर बार जीते।

हरिदेव जोशी पहली बार 11 अक्टूबर 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे, दूसरी बार 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक और अंत में 4 दिसम्बर 1989 से 4 मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दी। वे असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे। बता दें कि ये पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जोकि प्रधानमंत्री पद के बहुत करीब थे।

भैरोंसिंह शेखावत

राजस्थान में वर्ष 1952 में विधानसभा की स्थापना हुई तो शेखावत ने भी अपना भाग्य आजमाया और कमाल की बात तो यह थी कि वह विधायक बन गए।

फिर उन्होने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा इसके बाद वे सीढ़ी-दर-सीढ़ी चढ़ते हुए विपक्ष के नेता, मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति पद तक पहुँच गए। भैरोंसिंह शेखावत ने भी सीएम के तौर पर तीन बार में अपना कार्यकाल पूरा किया।

वसुन्धरा राजे सिंधिया

अशोक गहलोत से पहले वसुन्धरा राजे सिंधिया प्रदेश की सीएम थी जोकि दो बार मुख्यमंत्री पद पर रही। ये सन् 1985-87 के बीच राजे भाजपा युवा मोर्चा राजस्थान की उपाध्यक्ष रहीं। इसके बाद 1987 में वसुंधरा राजे राजस्थान प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष बनीं। आपको बता दें कि वसुन्धरा राजे सिंधिया राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री रही। वसुंधरा राजे को अक्टूबर सन् 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।

2013 में गहलोत सरकार को सत्ता से हटाने के लिए उन्होंने सुराज संकल्प यात्रा निकाली जिसका उन्हे भरपूर समर्थन मिला और वह राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी| सन 2018 में एक बार फिर वंसुधरा राजे के चुनावी रथ ‘राजस्थान गौरव यात्रा’ को अमित शाह ने राजसमन्द जिले से रवाना किया जो राजस्थान की 165 विधानसभाओ से गुजरा, लेकिन इस बार वह सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी।

अशोक गहलोत

विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और समाजसेवा में अशोक गहलोत सक्रिय रहे है। 15 वीं राजस्थान विधानसभा मे एक बार फिर निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने। उन्‍होंने इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी.नरसिम्‍हा राव के मंत्रिमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। बता दें कि वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। जब इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत की अवधि में इन्दिरा गांधी के मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे।

इसके बाद गहलोत खेल उपमंत्री बनें। उनकी कार्यशैली को देखते हुए उन्‍हें केन्‍द्र सरकार में राज्‍य मंत्री भी बनाया गया। इसके बाद उन्‍हें केन्‍द्रीय कपड़ा राज्‍य मंत्री बनाया गया। यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा गहलोत को इसका स्‍वतंत्र प्रभार दिया गया। गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून 1991 से 18 जनवरी 1993 तक मंत्री रहे। गहलोत राजस्‍थान सरकार में गृह तथा जन स्‍वास्‍थ्‍य अभियां‍त्रिकी विभाग के मंत्री रहे। पहली बार गहलोत 34 वर्ष की युवा अवस्‍था में ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष बन गये थे।

 

 

 

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