India News ( इंडिया न्यूज ) Health Tips: आज के दौर में लोग ब्रांड के जूते को अक्सर तरजीह देते हैं। लोग कीमत के साथ अपनी पसंदीदा आकार के जूते को देख कर ही लेते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है जिस जूते को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं वो आपको बीमार कर रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार जूते का सही चयन न करने की वजह से युवाओं में नॉकनिक, फ्लैटफिट, आर्थराइटिस और घुटने की दिक्कत जैसी हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। एक रिसर्च में यह भी पाया गया है कि जूते को कंफर्ट के मुताबिक न खरीदने के कारण 23 प्रतिशत से ज्यादा युवा समय से पहले ही अनफिट हो जाते हैं।
एक रिसर्च के दौरान जूतों को किस आधार पर चुनना चाहिए इसको लेकर 15-25 साल तक के हजार से 15 सौ के खिलाड़ियों से सवाल पूछे गए। जिसमें पाया गया कि शरीर के बैलेंस और पैरों के आकार के मुताबिक जूता चयन न करने से पैरों में परेशानियां होने लगती है। जो आगे चल कर काफी दिक्कत देती है। जिसमें घुटने की दिक्कत, अर्थराइटिस, नॉकनिक, बोलैग और फ्लैटफिट की समस्या होना आम बात है। इसके कारण 25 प्रतिशत से ज्यादा प्लेयर युवा होते ही अनफीट हो जाते हैं।
इस रिसर्च में यह भी पाया गया है कि माता-पिता द्वारा बच्चों को बड़ा जूता दिलाने की आदत गलत है। इसके कारण बच्चों के पैरो का ग्रोथ काफी हद तक प्रभावित होता है, जो आगे कई परेशानियां देती है। रिसर्च में बताया गया कि CSIR की लैब चैन्नई इंडियन फुटवियर के साइज पर अध्ययन कर रही है। जिस तरह विदेशों में कंपनी कस्टमर्स के पैरों के हिसाब से जूते बनाती है, वैसा ही यहां करने का इरादा किया जा रहा है।
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