Friday, July 5, 2024
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होली के बाद गणगौर पूजा की धूम लंदन में हुई शुरू, RAUK की ओर से मनाए जा रहा उत्सव

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जयपुर: (Gangaur festival being celebrated by RAUK) होली के बाद गणगौर पूजा की धूम लंदन में शुरू हो गई है। यह पूजन क्रम में इस बार लंदन के हैरो में किंग्सबरी स्कूल मैदान में गणगौर पूजन का आयोजन किया गया। इस दौरान खेलन दो गणगौर….., भंवर म्हानें पूजन दो गणगौर…, के गीत के साथ राजस्थानी ढोल व थाली की धुन गूंज उठी। इस अवसर पर गणगौर सवारी भी निकाली गई। गणगौर की सवारी में मिनी राजस्थान की झलक लंदन के हैरो में स्थित इस स्कूल के मैदान में नजर आई।

तो वहीं ब्रिटेन की राजस्थानी महिलाओं ने ईसर गणगौर की सामूहिक पूजा कर परिवार की खुशहाली व अमर सुहाग की कामना की। इस मौके पर महिलाओं ने राजस्थानी परिधान में सामूहिक घूमर भी किया और राजस्थानी व्यंजन भी परोसे गए। बता दे कि इस पूजन कार्यक्रम के दौरान लंदन में लोगों ने चखा राजस्थानी स्वाद।

RAUK की ओर से मनाए जा रहा गणगौर उत्सव

इस कार्यक्रम में लोग पूरी तरह राजस्थानी रंग में रंगे हुए नजर आए। तो वही कैंपस में महिलाएं बच्चे और पुरुष राजस्थानी ड्रैस में सज-धजकर पहुंचे। ढोल-नगाड़ों पर राजस्थानी धुनों पर नाचते-गाते यहां गणगौर उत्सव मलाया गया।

लंदन में राजस्थान कार्यक्रम की समन्वयक राखी गहलोत ने बताया कि लंदन में राजस्थान एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड किंगडम यानी RAUK की ओर से मनाए जा रहे इस गणगौर उत्सव को राजस्थानी परिवारों ने जोश व उत्साह से मनाए। महिलाओं से साथ उनके पति व बच्चे भी राजस्थानी परिधान में नजर आए। इस उत्सव में महिलाओं ने भी ढोल बजाए।

RAUK की ओर से यह उत्सव 2018 से मनाया जा रहा

आपको बता दे कि RAUK यानी राजस्थान एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड किंगडम की ओर से गणगौर उत्सव 2018 से मनाया जा रहा है। राजस्थान एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड किंगडम के ट्रस्टी कुलदीप सिंह शेखवात ने बताया कि यह कार्यक्रम आरएयूके की महिला वॉलिंटियर टीम ने आयोजित किया। आंचल गोयल, भावना शर्मा, किरण नाथवत रागिनी, अनुजा, सृष्टि भती, विजया दवे शामिल हैं।

सवारी के आगे महिलाएं ढोल-नगाड़े बजा रही

डॉ. अंजलि शर्मा और रेनू जोशी की अगुवाई में भारत के बाहर सबसे बड़ी गवर- ईसर की सवारी इंग्लैंड के हैरो में किंग्सवरी स्कूल मैदान में पारंपरिक लोकगीतों की धुनों के साथ आयोजित की गईं। सवारी के आगे महिलाएं ढोल-नगाड़े बजा रही थीं तो वही पीछे-पीछे युवतियां-बच्चे नाचते-गाते हुए चल रहे थे। इस आयोजन में गवर-ईसर ने विधिवत तरीके से पूजन किया।

ढोल-नगाड़ों और घूमर के साथ 100 से ज्यादा महिलाओं ने की। इस उत्सव की सामूहिक पूजा ने गवर-पूजन की बचपन वाली यादें ताजा कर दी। कार्यक्रम की मीडिया प्रभारी ने बताया कि पूरे ब्रिटेन की राजस्थानी महिलाओं ने गणगौर उत्साह से हिस्सा लेते हुए महाघूमर नृत्य भी किया।

त्योहार पर बच्चों को नए राजस्थानी वाक्य और कहावतें सीखने को मिल रही

मेहमानों को राजस्थानी खाने में कढ़ी, पकोड़ा, लापसी, पूरी, दाल, चावल, लहसुन की चटनी और पापड़ जैसे राजस्थानी व्यंजन परोसे गए। मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस गणगौर उत्सव के दौरान राजस्थानी भाषा ही स्वाभाविक रूप से उपयोग में ली गई। इस उत्सव ने राजस्थानी भाषा ने प्रवासियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ उन्हें उनकी संस्कृति और विरासत से भी जोड़ा। इस त्योहार के दौरान बच्चों को नए राजस्थानी वाक्य और कहावतें सीखने का अवसर भी मिला।

 

 

 

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