India News (इंडिया न्यूज), Thursday: हिन्दू धर्म में हर दिन की अपने आप में विशेष महत्व रखता है। इसी तरह गुरुवार का भी अपना महत्व है। भगवान विष्णु बृहस्पति के देवता हैं। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु जी को समर्पित है। मान्यता है जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करता है और गुरुवार व्रत की कथा कहता और सुनता है उसकी गरीबी और कष्ट को भगवान विष्णु दूर कर देते हैं।
गुरुवार की पूजा के साथ-साथ व्रत पालन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, संपन्नता का वास स्थापित होता है और नकारात्मकता दूर हो जाती है। गुरुवार व्रत के बाद जब मनोकामना पूरी हो जाती है फिर उसका उद्यापन करना होता है। आइए गुरुवार व्रत के उद्यापन की विधि जानते है। 16 गुरुवार पूरे होने के बाद 17वें गुरुवार को उद्यापन करना चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल केवल सामान्य मान्यताओं को अभिव्यक्त करता है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
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