India News (इंडिया न्यूज़), Shiva: भगवान शिव ने अपने गले में नाग देवता को स्थान दिया है। भोलेनाथ के गले में रहने वाले नाग देवता का नाम वासुकी है। केवल इतना ही नहीं हमेशा शिवलिंग की स्थापना के साथ-साथ नाग देवता की स्थापना भी की जाती है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि कहीं शिवलिंग स्थापित किया गया हो और उसपर नाग देवता की स्थापना न हुई हो। यदि आप शिवजी की पूजा करते हैं तो ध्यान रखिए नाग देवता और नंदी की पूजा करना ना भूले। नाग देवता और नंदी शिवजी बहुत प्रिय है।
हिंदू धर्म में हम आठ नाग देवताओं को पूजते है। ग्रंथों में बताया गया है कि हम आठ नाग देवताओं की पूजा करते हैं। शिव जी के गले में धारण नाग देवता का नाम वासुकी है। वासुकी को धारण करने के पीछे वासुकी नाग का पूरा शरीर लहूलुहान हो गया था। तब समुद्र मंथन से हलाहल विष निकला जिसे भोलेनाथ ने ग्रहण किया था। उसी समय वासुकी नाग ने भी भगवान भोलेनाथ की मदद से थोड़ा सा विष ग्रहण किया था। देखा जाए तो एक जहरीले नाग के लिए ऐसा करना कोई बढ़ी बात नहीं है, परंतु नाग देवता की भक्ति देखकर शिव जी बेहद प्रसन्न हुए इसके बाद भगवान भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर वासुकि को अपने गले में धारण कर लिया।
गले में सर्प जैसा विष भरा और भयानक जीव धारण करा। उनका ऐसा करना इस बात का प्रतीक है कि अगर दुर्जन लोग भी कोई पुण्य का काम या कोई अच्छा काम करें, तो भगवान उन पर भी अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
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