India News (इंडिया न्यूज़), Shani Dev: शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। माना जाता है की अगर शनिदेव की कृपा आप पर होती है तो आपके सारे दूख दूर हो जाते है। आज हम आपको बताते है की शनिदेव की पूजा करने का सही समय क्या है। सुबह या शाम के समय शनिदेव का पाठ करने से आपको क्या लाभ होंगे? हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव की पूजा अकसर सूर्यास्त के बाद करना शुभ माना जाता है। क्योंकि इस समय शनिदेव का प्रभाव काफी तेज़ होता है। यदि आप सच्चे मन से शनिदेव की पूजा करते है तो वह उस भक्त पर अपनी कृपा सदैव बनाए रखते है। शास्त्रों में लिखा है कि शनि एवं सूर्य देव एक दूसरे के विरोधी है। जहां सूर्य पूर्व दिशा में विराजित हैं, वहीं शनिदेव पश्चिम दिशा विराजते है। जब सूर्योदय होता है तो सूर्य की किरणें शनि के पीठ पर पड़ती है। इसी कारण सूर्योदय के समय शनि देव आपकी पूजा स्वीकार नहीं करते।
सूर्यअस्त के बाद शनिदेव की पूजा काफी शुभ मानी जाती है। शनि देव की पूजा करते समय उनसे कभी-भी सीधे नजर न मिलाए। माना जाता है कि इससे आपके जीवन पर नकारात्मक असर होता है। शनि की दृष्टि को बहुत अशुभ माना जाता है। कहा जाता है अगर शनि देव आपके जीवन में परेशानियां देते है तो हो सकता है कि साढ़ेसाती या ढैय्या के अशुभ प्रभाव आप पर होने की संभावना है। शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दीया जलाएं। इसके बाद दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। इससे शनि की दी हुई पीड़ा कम हो जाती है।
शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय मंत्र जाप है। शनिवार को शाम के समय शनि मंदिर में इस मंत्र का जाप 108 बार जाप करें। इसके जाप से आपको आर्थिक और शारीरिक मजबूती मिलती है। पैसों की तंगी से भी राहत मिलेगी। इस दिन पीपल की 7 पत्तियों को घर लाकर, उस पर हल्दी से “ही” लिखें एवं शाम को शनि मंदिर जाकर उसे भगवान के सामने रखदे। माना जाता है की इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती है।
ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि।।
तन्नो मंद: प्रचोदयात।।
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