India News (इंडिया न्यूज़) Navratri 2023 : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आज से हो चुकी है। इस बार अष्टमी 22 अक्टूबर को और नवमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नवरात्रि के 9 दिन हिंदू धर्म के लिए विशेष होते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। जिसमें नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। माता पार्वती को ही शैलपुत्री कहा जाता है। मां शैलपुत्री की सवारी बैल है। इनके एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में कमल का फूल रहता है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक शारदीय नवरात्रि में इस बार घटस्थापना के लिए मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक है। कलश स्थापित करने के लिए 46 मिनट का समय होगा। अगर आप नवरात्रि में कलश की स्थापना करने वाले हैं, तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।
मां शैलपुत्री का पूजा मंत्र
ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः
मां शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
मां शैलपुत्री का बीज मंत्र
ह्रीं शिवायै नम:
बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और रोज़मर्रा का काम कर स्नान करें। फिर अपने पूजाघर की साफ-सफाई कर, पूजाघर में एक चौकी स्थापित करें और उस पर गंगाजल का छिड़काव करें। छिड़काव करने के बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। अब आप मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प करें। माता रानी को अक्षत्, धूप, दीप, फूल, फल, मिठाई, नैवेद्य आदि चढ़ाएं। पूजा करने के बाद घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें।
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