Sunday, July 7, 2024
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Navratri 2023 : नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें मुहूर्त, मंत्र और स्वरूप

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India News (इंडिया न्यूज़) Navratri 2023 :  शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों में मां दुर्गा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घण्टे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान हैं।  इसलिए इन्हें मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।

जानें मां चंद्रघंटा के बारे में

मां चंद्रघंटा की सवारी शेर है। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र भी धारण करतीं हैं। सिर पर अर्ध चंद्र ही इनकी पहचान है। इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है। माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं।

पूजा करने के लाभ  

शास्त्रों के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मन को शांति मिलती है। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की अराधना करने से परम शक्ति का अनुभव होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान दूध का प्रयोग करना परम कल्याणकारी होता है।

मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

पूजा के लिए मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 AM से 05:33 PM
प्रातः सन्ध्या- 05:08 AM से 06:23 AM
अभिजित मुहूर्त- 11:43 AM से 12:29 PM
विजय मुहूर्त- 02:01 PM से 02:47 PM
गोधूलि मुहूर्त- 05:50 PM से 06:15 PM
सायाह्न सन्ध्या- 05:50 PM से 07:05 PM
अमृत काल- 11:23 AM से 01:02 PM
निशिता मुहूर्त- 11:41 PM से 12:32 AM, अक्टूबर 18

पूजा कैसे करें

  • ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करें।
  • पूजा की तैयारी कर माता का ध्यान करें।
  • मां चंद्रघंटा को फूल, अक्षत, रोली और पूजा की सामग्री अर्पित करें।
  • आरती के दौरान शंख और घंटा बजाएं, मान्यता है कि ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • मां चंद्रघंटा को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद पंचामृत, चीनी व मिश्री माता रानी को अर्पित करें।

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