India News (इंडिया न्यूज़), Neemkathana District: कहते है हर जगह भगवान नही आ सकते इसलिए भगवान ने डॉक्टरों को इस धरती पर भेजा है। लेकिन अगर डॉक्टर ही लापरवाही कर लोगों की जान लेने लगे तो क्या हो। जी हां ऐसा ही एक मामला राजस्थान के नीमकाथाना जिले से सामने आया है। डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत होने के मामले में नीमकाथाना जिले की गीतांजलि हॉस्पिटल अजीतगढ़ पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने बच्चों के माता-पिता को ₹5 लाख रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए हैं। साथ ही दो महीने के भीतर जुर्माना नहीं देने पर डॉक्टर दंपति के खिलाफ RRMC कार्रवाई करने के लिए लिखा जाएगा।
नीमकाथाना जिले के गीतांजलि हॉस्पिटल अजीतगढ़ में डिलीवरी के दौरान लापरवाही से बच्चे की मौत होने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने बच्चे के माता-पिता को 5 लाख रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए हैं। आयोग के फैसले के अनुसार अजीतगढ़ स्थित गीतांजलि हॉस्पिटल का मामला है, जहां शाहपुरा के नायना गांव निवासी विक्रम मीणा व पत्नी आशा मीणा को 5 लाख रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए है। आपको बता दें कि आशा मीणा को डिलीवरी के लिए गीतांजलि अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां चिकित्सा डॉक्टर मंगल यादव और डॉक्टर मोनिका यादव ने जांच करके कहा “डिलीवरी अभी करवाना जरूरी है और सिजेरियन के द्वारा डिलीवरी करवायेंगे।” यह बात सुनकर हमने मरीज आशा के परिजनों ने महिला हॉस्पिटल जयपुर ले जाने को कहा तो डॉ. मोनिका यादव ने आस्वासन दिया कि हमारे पास डिलीवरी के लिए सम्पूर्ण आपातकालीन व्यवस्थाऐं उपलब्ध है।
बता दें कि डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों द्वारा लापरवाही किए जाने पर बच्चे की मृत्यु हो गई और प्रसूत की हालत गंभीर हो गई। मरीज के परिजनों को महिला की स्थिति खराब होने पर खून की कमी बताकर उन्हें खून लाने के लिए चोमू भेज दिया गया। वापस आने पर परिजनों को मृत बच्चा दिया गया तथा महिला की हालत गंभीर होने की स्थिति में उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। जहां मरीज की गंभीर स्थिति में इलाज के दौरान बच्चेदानी निकाली गई।