India News (इंडिया न्यूज़), Corona Update: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट JN।1 का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन द्वारा बताया कि लोगों को अभी घबराने की जरूरत नहीं है। स्वामीनाथन द्वारा एक इंटरव्यू में कहा गया कि नए वैरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ बताया गया है न कि ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’। हालांकि, इसके बाद भी लोगों में कोविड के नए वेरिएंट को लेकर डर बना हुआ है।
स्वामीनाथन ने कहा, ‘हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन हमें चिंता करने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास ऐसा डेटा नहीं है जो दिखा सके कि JN।1 वेरिएंट खतरनाक है। हम अभी तक यह भी नहीं जानते हैं कि इससे अधिक निमोनिया होगा या मृत्यु होगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अभी हमें सामान्य कदम उठाने होंगे, जो हम कर रहे हैं। हम ओमीक्रॉन के बारे में जानते हैं और यह सब-वेरिएंट भी इसका एक हिस्सा है। ऐसे में आइए जानते हैं JN।1 वेरिएंट से जुड़े प्रकोप के बारे में 10 बड़ी बातें।
भारत में अब तक JN।1 सब-वेरिएंट के 26 मामले सामने आ चुके हैं। इस वजह से चिंताएं बढ़ गई हैं। 26 मामलों में से 19 मामले गोवा में, 4 मामले राजस्थान में और एक-एक मामला केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र में सामने आया है। गोवा में पाए गए JN।1 उप-संस्करण के सभी 19 मामलों की निष्क्रियता की पुष्टि की गई है। जब मरीजों से एकत्र किए गए नमूनों की जीनोम अनुक्रमण किया गया, तो यह वैरिएंट सामने आया। गोवा के महामारी विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत सूर्यवंशी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जेएन।1 वेरिएंट वाले मरीजों में हल्के लक्षण थे और अब वे ठीक हो गए हैं। कहीं न कहीं ये एक राहत भरी खबर है। बुधवार को राजस्थान के जैसलमेर में जेएन।1 सब-वेरिएंट से संबंधित दो कोविड मामले सामने आए। जयपुर में गुरुवार को दो और मामले सामने आए। इस तरह यह वैरिएंट राजस्थान में प्रवेश कर चुका है। भारत में कोविड के 594 नए मामले सामने आए हैं। इस तरह देश में एक्टिव कोविड मामलों की संख्या 2669 हो गई है। सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN।1 को ‘रुचि के प्रकार’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
यह वैरिएंट BA.2.86 से उत्पन्न हुआ है, लेकिन इससे थोड़ा अलग है। फिलहाल इस नए वेरिएंट से खतरा कम नजर आ रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में 24 में से हर एक व्यक्ति कोविड से संक्रमित है। लंदन कोविड से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जहां जेएन।1 वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। ब्रिटेन की ‘हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी’ और ‘ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स’ की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 से 44 साल के लोग कोविड के सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड के मामले बढ़ने की वजह सर्दी के मौसम में ठंडा तापमान, छोटे दिन और लोगों का आपस में मिलना-जुलना है। इससे ऐसा माहौल बन रहा है जिसमें कोविड आसानी से फैल रहा है।
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