कल्पना वशिष्ठ, जयपुर:
Rajasthan Politics : राजस्थान की राजनीति के दमदार हस्ताक्षर राजेन्द्र राठौड़ आजकल दिल्ली-जयपुर के सियासी गलियारों में छाए हुए हैं। ये कहना भी अनुचित नहीं होगा कि उनके भाजपा के प्रति समर्पण व जनहित की मजबूत कार्यशैली से लोगों को सम्मानित नेता भैरोंसिंह शेखावत की याद ताजा करने लगी है। आमजन राठौड़ में शेखावत की छवि देखने लगे हैं।
राठौड़ ने न केवल सदन बल्कि सड़क पर भी अपने विपक्षी दलों को घुटने टेकने को मजबूत किया। कुशलव्यवहार के धनी राठौड़ ने राजस्थान के आमजन के दिल जीता है, वे पीड़ित मानवता को सबसे बड़ा धर्म मानकर राजनीति कर रहे हैं। यही कारण है कि हर जिले में राठौड़ का झंडा बुलंद है। वर्ष 90 से लगातार विधानसभा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे राजेन्द्र राठौड़ अब हर मुद्दे पर घुटे-घुटाये मजबूत नेता के रूप में नजर आते हैं। सदन में उनके सम्मानित भाषा व उम्दा व्यवहार से दूसरे सदस्य सीख तक लेते हैं।
ये नेता हैं जिनकी बहस गम्भीर होती है, गम्भीर छवि से मुद्दे उठाने के कारण सत्ता पक्ष अनेको बार बगले झांकने को मजबूर हुआ। इनके व्यवहार की विपक्षी दलों के नेता भी दबी जुबान में तारीफ करते हैं। राठौड़ की नीति हमेशा “सत्ता सुख भोगने के साधन नहीं, सेवा करने का माध्यम की रही है। (Rajasthan Politics)
देश के राजनीति की शान रहे भैंरोसिंह शेखावत की नीति राठौड़ में पूरी तरह नजर आती हैं। यही कारण है कि इस निर्विवाद नेता पर नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा व अमित शाह की नजर है। भले ही कुछ चर्चा हो लेकिन उनको राजस्थान में किसी गुट का नहीं माना जा सकता, वैसे भी इनका खुद का अपना बड़ा कद है। युवा वर्ग में खासे लोकप्रिय राठौड़ राजस्थान में भाजपा के बड़े संकटमोचक हैं।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो राजेन्द्र राठौड़ राजस्थान में भाजपा के लिए कामयाब बड़ा चेहरा साबित हो सकते हैं। इसके कई बड़े कारण ये भी बताए जाते हैं कि वे निर्विवाद छवि के ऐसे नेता हैं जो द्वेष नहीं पालते। पार्टी हित उनको सर्वोपरि है। साथ ही व्यवहारकुशलता से आमजन में तगड़ी पकड़ है। या कहें कि वर्तमान में वे मोदी, नड्डा,शाह की नीति पर खरे उतर रहे हैं। विपक्ष के उपनेता के रूप में उन्होंने खुद को सदन में साबित भी किया है। (Rajasthan Politics)
राजेंद्र राठौड़ ने वर्ष 1990, 1993, 1998, 2003, 2008 (तारानगर) 2013 और 2018 में चूरू विधानसभा सीट से जीत हासिल की। राठौड़ के राजनीतिक अनुभव, नेतृत्व कौशल व कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया। वर्तमान में वे इस पद का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
आमजन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने, सरकार की कार्यशैली पर पैनी नजर रखने, सरकारी की गलत नीतियों का प्रखर विरोध करने और छोटे से छोटे पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ स्थायी संपर्क की योग्यताओं जैसी उनकी संगठनात्मक क्षमताओं की वजह से भाजपा आलाकमान का उन पर अटूट भरोसा हैं। अनुभवी नेता के रूप में पहचाने जाने वाले राजेन्द्र राठौड़ ने सत्ता हो या संगठन हर समय संकटमोचक बनने का काम किया है।
उन्होंने हमेशा से जनता के सीधा संवाद करने पर जोर दिया है, यही वजह है कि हर तबके के लोग राजेन्द्र राठौड़ के व्यक्तित्व व व्यवहार कौशल के कायल हैं। जमीनी स्तर से जुड़ाव रखने वाले राजेन्द्र राठौड़ की सादगीपूर्ण जीवनशैली, विनम्र स्वभाव व जनहित में समर्पित रहने जैसे विभिन्न गुणों की प्रशंसा जनता ही नहीं बल्कि राज्य व केन्द्रीय स्तर के नेता भी करते हैं। (Rajasthan Politics)